इंदौर। मध्यप्रदेश शासन की चिकित्सा व्यवस्थाएं लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है। इतनी मौतों के बाद भी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। सदर बाजार में रहने वाली एक लड़की को RTPCR जांच के बाद नेगेटिव बताया गया था। 10 दिन बाद उसी लड़की को पॉजिटिव घोषित कर दिया। इन 10 दिनों में उस लड़की के कारण उसके परिवार के कई अन्य लोग भी संक्रमित हो गए।
CORONA पहले मैसेज में नेगेटिव, 10 दिन बाद दूसरे मैसेज में पॉजिटिव
सदर बाजार थाना क्षेत्र निवासी युवती ने 30 अप्रैल को फीवर क्लीनिक पर जांच करवाई थी। दो मई को उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि आपकी रिपोर्ट निगेटिव है। इसके बाद युवती तनावमुक्त हो गई। 10 मई को उसके मोबाइल पर मैसेज आया कि 30 अप्रैल को लिया गया आपका सैंपल पॉजिटिव है। आप कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। इस वक्त तक युवती के संपर्क में आने से परिवार के अन्य लोग भी संक्रमित हो चुके थे।
सैंपलिंग के 11 दिन बाद बताया, आप तो पॉजिटिव है
कोरोना की वजह से परिवार में हुई मौत के बाद एमजी रोड निवासी व्यापारी की पत्नी ने फीवर क्लीनिक पर सैंपल दिया था। उन्हें कोई लक्षण नहीं थे। सैंपल देने के दो दिन बाद तक रिपोर्ट नहीं आई तो महिला ने घर के सामान्य कामकाज शुरू कर दिए। सैंपलिंग के 11 दिन बाद उन्हें फोन आया कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। विभाग से आपको दवाईयां मिली या नहीं। महिला ने निजी लैब से अन्य सदस्यों की जांच करवाई तो पता चला कि दो सदस्य संक्रमित हो चुके हैं।