कोविड-19 के चलते वर्ष 2020-21 का लगभग पूरा साल ही ऑनलाइन स्टडीज में बीत गया है। जिसके कारण विद्यार्थियों को कुछ फायदे हुए तो कुछ नुकसान भी हुए हैं। एक ओर तो वे पढ़ने के नए तरीके सीख गए हैं परंतु दूसरी ओर उनकी कुछ skills में कमी भी आई है।
कोविड-19 के कारण पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया गया है। जबकि नवी और ग्यारहवीं को अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के आधार पर मूल्यांकन करके आगे की कक्षा में बढ़ाया जा रहा है और दसवीं के बच्चों को असेसमेंट के आधार पर आगे बढ़ाया गया है।
परंतु इस सबमें सबसे महत्वपूर्ण कक्षा है 12 वीं और 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीबीएसई हो चाहे एमपी बोर्ड हो कहीं पर भी अभी बोर्ड परीक्षा की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
बारहवीं कक्षा के बच्चे भी अब पढ़-पढ़ कर ऊब चुके हैं। कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई भ्रम और असमंजस की स्थिति से निपटने के लिए अब जरूरी है कि बच्चों ने साल भर में ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से जो भी सीखा है या पढा है अब उसकी प्रैक्टिस करें क्योंकि बोर्ड परीक्षा एक लिखने वाला एग्जाम है।
तो जरूरी है कि अब 3 घंटे में बच्चे अपनी राइटिंग स्किल्स यानी लेखन क्षमता को गति प्रदान करें। लेखन क्षमता हमारे भाषाई कौशल (Language skill) का एक महत्वपूर्ण भाग है। चार भाषाई कौशल - LSRW ( Listening, speaking, Reading, Writing) यानी सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना।
और इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है -पढ़ना लिखना। लिखने से हमें पता चलता है कि हमने क्या सीखे यानी कि हमारा आउटपुट बाहर आता है। तो अब समय है कि टाइम मैनेजमेंट के साथ प्रश्नों के उत्तर लिखकर अभ्यास करें।
कोविड-19 के कारण बच्चों की लिखने की आदत बिल्कुल छूट गई है कुछ छोटे बच्चों की हालत तो यह है कि वे अक्षर बनाना भी भूल गए परंतु कक्षा बारहवीं के बच्चों के नजरिए से देखा जाए तो कुछ दिन बाद 11वीं के बच्चे भी 12वीं में आ जाएंगे और 12वीं के बच्चे भी 12वीं में ही हैं।