भोपाल। राज्य सरकार ने कोविड से मरने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को राहत देने के लिए 'मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना' शुरू की है। इसके तहत राज्य में कार्यरत शासकीय सेवकों की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को तात्कालिक आर्थिक सहायता के रूप में पांच लाख रूपये अनुग्रह राशि और एक आश्रित परिजन को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया है।
इस योजना में सबसे आपत्तिजनक यह है कि मध्यप्रदेश शासन ने योजना के लाभ के लिए जो सेवा शर्तें जारी की है, उससे इस अवधि में दिवंगत हुए अनेक कर्मचारी शिक्षक वंचित होने की स्थिति निर्मित हो रही है, समग्र शिक्षक संघ का कहना है कि योजना के लाभ के लिए जो प्रमुख शर्त रखी गई है उसमें दिवंगत शिक्षक कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होना जरूरी बताया गया है, जबकि वास्तविकता यह है प्रदेश के अनेक शिक्षक कर्मचारियो की कोविड 19 रिपोर्ट दिवंगत होने के बाद पॉजिटिव निकली है तो कई शिक्षक कर्मचारियों फेफड़ों में संक्रमण इतनी तीव्र गति से बड़ा कि डॉक्टरों ने बिना टेस्ट रिपोर्ट के ही इलाज शुरू किया, और ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने के कारण अनेक शिक्षकों की आकस्मिक मृत्यु हुई।
तो कईयों को तो जांच कराने का अवसर ही नहीं मिला, कई कर्मचारी तो ऐसे हैं जिनमें लक्षण तो कोरोना के थे, लेकिन जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई, कई कर्मचारियों की मौत कोरोना के इलाज के दौरान हृदय गति रुकने से हुई है, ऐसे में अन्य दिवंगत शिक्षक कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के अभाव में योजना का लाभ ना देना अन्याय पूर्ण खत्म होगा, जिस पर राज्य सरकार को मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए विचार करना चाहिए!
राज्य शासन योजना की शर्तों में बदलाव करें
समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्र दुबे का कहना है कि 1 मार्च से वर्तमान तक जो भी शिक्षक कर्मचारी ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए हैं सभी को इस योजना में शामिल करते हुए समान रूप से लाभ दिया जाए!
दमोह उपचुनाव में दिवंगत शिक्षकों को भी मिले योजना का लाभ
समग्र शिक्षक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी जेपी शुक्ला का कहना है कि दमोह उपचुनाव के दौरान संक्रमित होकर दिवंगत हुए शिक्षकों को भी राज्य निर्वाचन आयोग निर्धारित मुआवजा प्रदान करें और राज्य शासन भी योजना में शामिल करते हुए परिजनों को आर्थिक सहायता और अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें!