भोपाल। 5 जून 2018 को म.प्र. शासन द्वारा संविदा कमर्चारियो के हित को ध्यान में रखकर एक संविदा नीति जारी की गयी थी जिसमे संविदा कर्मचारियों को उनके समकक्ष पद के नियमित कर्मचारी के वेतन का 90% वेतन दिए जाने हेतु निर्देश जारी हुए थे। इस संविदा नीति को जिन जिन विभागों/मिशन में लागू किया जाना है उसमे मप्र सर्व शिक्षा अभियान का नाम भी स्पष्ट लेख किया गया है। बाबजूद इसके उक्त संविदा नीति जारी हुए आज 2 वर्ष से ज्यादा समय गुजर चुका है लेकिन सर्व शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को अभी तक 90% वेतन निर्धारण का लाभ नही मिला।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत वर्ष 2012 के बाद जिला एवं विकासखंड स्तर पर नियुक्त लगभग 1500 संविदा कर्मचारियों की दशा और भी ज्यादा दयनीय है क्योकि सर्व शिक्षा अभियान में जो वर्तमान विभागीय वेतन निर्धारण नियम पूर्व से लागू है उसका लाभ पूर्व में नियुक्त संविदा कर्मचारियों को तो मिल रहा है लेकिन वर्ष 2012 के बाद नियुक्त होने वाले संविदा कर्मचारियों को इसका लाभ नही दिया जा रहा है।
अर्थात वर्ष 2012 के बाद नियुक्त संविदा कर्मचारियों को न विभागीय वेतन नियम का लाभ मिल रहा और न ही शासन द्वारा जारी 90% वेतन निर्धारण नियम का लाभ दिया जा रहा है। जिसके लिए वह पिछले 8 वर्षों से लगातार आवेदन निवेदन कर रहे है लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नही हुई। नतीजतन वह आर्थिक, मानसिक वेदना से ग्रस्त हैं।