आपने देखा होगा जब मेहंदी के हरे पत्तों को पत्थर पर पीसकर हथेली पर लगाया जाता है तो सूखने के बाद हथेली पर उसका रंग लाल हो जाता है लेकिन पत्थर और धातु के उस बर्तन पर सूखने के बाद भी मेहंदी का रंग हरा ही बना रहता है। आइए पता लगाते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
अपने प्रश्न का उत्तर केमिस्ट्री की किताब में मिलता है। मेहंदी के पत्तों में Lawsone या (2-hydroxy-1,4-naphthoquinone) पाया जाता है, जिसे hennotannic acid भी कहा जाता है। यह compound मनुष्य की त्वचा अथवा बालों के संपर्क में आते ही उसमें मौजूद केराटिन (keratin) नाम के एक प्रोटीन से झगड़ा करने लगता है। इसी झगड़े के कारण मेहंदी का रंग लाल हो जाता है।
एक बात और मेहंदी का रंग त्वचा पर तब तक चढ़ा रहता है जब तक की उस त्वचा की परतें सूख कर झड़ नहीं जाती। मजेदार बात तो यह भी है कि इसी compound के कारण ही मेहंदी के पौधे का वैज्ञानिक नाम Lawsonia inermis है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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