नई दिल्ली। भारत के सबसे लोकप्रिय योग गुरु एवं पतंजलि कंपनी के ब्रांड एंबेसडर बाबा रामदेव एलोपैथिक दवाओं का विरोध करके बुरे फंस गए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रामदेव के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद बाबा रामदेव के खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इसी तरह एक आपत्तिजनक बयान के कारण मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ आज ही मामला दर्ज हुआ है।
बाबा रामदेव के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होना चाहिए: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
आईएमए के राज्य सचिव डॉ अजय खन्ना ने कहा कि पहले बाबा को नोटिस भेजा जा रहा है। यदि नोटिस का संतोष जनक जबाव नहीं मिला तो मानहानि का दावा भी किया जाएगा और इस मामले में FIR भी दर्ज कराई जाएगी। डॉ खन्ना ने कहा कि बाबा रामदेव का ऐलापैथी इलाज पर दिया गया बयान निदंनीय है। कोरोना काल में जब देश के सभी डॉक्टर बहुत मुश्किल हालातों का सामना करते हुए लोगों की जान बचाने में लगे हैं। ऐसे समय में इस तरह का बयान देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए थी।
बाबा रामदेव को FIR से बचाना चुनौतीपूर्ण
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तत्काल इस मामले में कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी को सोमवार को इस मामले में ज्ञापन देकर बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से यदि उचित कदम नहीं उठाया जाता तो आईएमए आगे की रणनीति बनाने पर मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को भी लगता है कि बाबा रामदेव का बयान सही है तो फिर प्राइवेट डॉक्टरों को भी इलाज करने की क्या जरूरत है।