नई दिल्ली। योग और आयुर्वेद के योद्धा बनकर एलोपैथी से पंगा ले चुके बाबा रामदेव ने आज कहा कि वह वैक्सीन नहीं लगाएंगे। उनका कहना है कि योग और आयुर्वेद का डबल डोज ले रहे हैं। उन्हें वैक्सीन की कोई जरूरत नहीं है। नियमित रूप से योग अभ्यास करने से उन्हें संक्रमण का कोई खतरा ही नहीं है।
CORONA के किसी भी वेरिएंट से कोई खतरा नहीं: बाबा रामदेव
बाबा रामदेव का कहना है कि वायरस के कितने भी वेरिएंट आ जाएं, उन्हें संक्रमण से कोई खतरा नहीं होने वाला है क्योंकि उन्हें योग संभाल लेगा। कोरोना को मात देने के लिए लोगों को अपनी-अपनी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करना होगा ताकि संक्रमण से बचा जा सके। वायरस के सभी प्रकार के वेरिएंट से निपटने को लोगों को योग पर भरोसा करना होगा।
वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं: बाबा रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सर्जरी कोई साइंस नहीं है बल्कि स्किल है। उनका कहना है कि आने वाले समय में लोग आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर ज्यादा भरोसा जताएंगे और अपनाएंगे। कोरोना वैक्सीन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना वैक्सीन शत-प्रतिशत प्रभावी नहीं है। चिंता जताते हुए बाबा रामदेव बोले कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं।
एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति सिर्फ इमरजेंसी के लिए कारगर: बाबा रामदेव
वह कहते हैं कि मेडिकल इमेरजेंसी में एलोपैथी चिकित्सा पद्धति बहुत ही कारगर है लेकिन लाखों वर्षों से लोग आयुर्वेद पर भरोसा करते हुए आए हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले कई महीनों में लाखों लोगों को वायरस की वजह से जान से हाथ धोना पड़ा क्योंकि एलोपैथी में हर बीमारी का इलाज संभव नहीं है।
आयुर्वेदिक डॉक्टरों को भी सर्जरी की अनुमति दी जाए
बाबा रामदेव ने सरकार से मांग की है कि आयुर्वेद में भी शल्य चिकित्सा करने की अनुमति दी जाए। बाबा रामदेव ने दावा करते हुए कहा कि योग, कोरोनिल, आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों सहित सही खानपान की मदद से कोरोना वायरस को मात देकर पूरी तरह से स्वस्थ हुआ जा सकता है, जबकि एलोपैथी में एंटीबायोटिक दवा दी जाती है जिससे शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है।