भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 350 से ज्यादा थोक एवं करीब छह हजार छोटी-बड़ी फुटकर किराना दुकानें हैं, जो कोरोना कर्फ्यू यानी लॉकडाउन की वजह से बंद है। जिला प्रशासन ने 150 से अधिक किराना दुकानदारों को ऑनलाइन डिलीवरी के लिए चिंहि्नत जरूर किया है, लेकिन लोगों की मांग-आपूर्ति में फर्क पड़ा है। कई लोगों को जरूरी किराना सामग्री नहीं मिल रही है।
थोक किराना व्यापारियों ने दुकानों को छह घंटे खोलने की छूट देने की मांग की है। यह छूट सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक मांगी गई है। ताकि लोग जरूरत का सामान खरीद सके। थोक व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाइन व्यवस्था से आपूर्ति पूर्ण रूप से संभव नहीं है।
शहर के थोक किराना बाजार से भोपाल सहित 150 किमी के दायरे के जिलों में किराना सामग्री पहुंचाई जाती है। वर्तमान में आसपास के जिलों के किराना व्यापारियों एवं होम डिलीवरी करने वालों को भी इसी बाजार से समस्त दैनिक जीवन की आवश्यक किराना सामग्री का प्रदाय हो रहा है। व्यापारी अपने गोदामों से सामग्री पहुंचा रहे हैं, पर बाजार बंद है। दूसरी ओर शहर में मौजूद फुटकर किराना दुकानें भी बंद है।
वर्तमान में प्रशासन ने ऑनलाइन व्यवस्था के तहत लोगों तक सामग्री पहुंचाने के लिए दुकानदारों को चिंहि्नत भी किया है, किंतु यह व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो रही है। गरीब व मध्यम वर्ग के लोग सामग्री नहीं मंगा पा रहे हैं। भोपाल थोक किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि जो लोग कम मात्रा में सामग्री खरीदते हैं, उन्हें पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए कोरोना कर्फ्यू के दौरान थोक एवं फुटकर व्यापारियों को सुबह के समय दुकानें खोलने की छूट देने की मांग की गई है। जिला प्रशासन इस पर जल्द निर्णय लेकर लोगों को राहत दें।