भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले जेके अस्पताल के आकाश दुबे ने 12 दिन बाद सरेंडर कर दिया। ऑटो से थाने पहुंचा आकाश की मदद के लिए पहले से वहां एक आदमी मौजूद था। उसी के इशारे पर ही वह सीधे ड्यूटी अधिकारी के पास पहुंचा और बोला सर मैं आकाश दुबे। इसके बाद उसे पकड़ लिया गया। हालांकि इसके बाद वीडियो कट कर दिया गया। उस पर दो दिन पहले ही पुलिस ने 7500 रुपए का इनाम घोषित किया था।
आकाश से इंजेक्शन खरीदने वाले इंदौर सीट कवर के मालिक समेत तीन लोगों को पकड़ने के बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन वह उनके हाथ नहीं लगा। बताया जाता है, तीनों की गिरफ्तारी की भनक आरोपी को लग गई थी और वह फरार हो गया था। अब उसके अचानक एकाएक थाने में सरेंडर करने के पीछे भी राजनीतिक प्रेशर बताया जा रहा है।
कोलार पुलिस ने 13 मई की रात 12:45 बजे सिग्नेचर रेसीडेंसी के पास कुछ संदिग्धों को पकड़ा था। उनकी पहचान सिग्नेचर रेसडेंसी कोलार निवासी अंकित सलूजा (36), दिलप्रीत उर्फ नानू सलूजा (26) और ग्रीन मिडोज अरेरा हिल्स निवासी आकाश सक्सेना (25) के रूप में हुई। दिलप्रीत उर्फ नानू की इंदौर सीट कवर नाम से एमपी नगर में शॉप है। उनके पास से पुलिस ने मौके से 5 इंजेक्शन जब्त किए।
अंकित ने बताया, 28 अप्रैल 2021 में उसने जेके अस्पताल में काम करने वाले आकाश दुबे से इंजेक्शन 25 हजार में खरीदा था। उसने आकाश को ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए थे। इसके बाद 8 मई को उसने आकाश से पांच और इंजेक्शन खरीदे थे। इस बार एक इंजेक्शन 12 हजार के हिसाब से मिले। उसने 60 हजार रुपए आकाश को ऑनलाइन ट्रांसफर किए। करीब 3 दिन पहले उसने आकाश से फिर पांच इंजेक्शन खरीदे, लेकिन इस बार आकाश ने 12 हजार की जगह 1 इंजेक्शन 16 हजार रुपए में दिया। उसने 80 हजार रुपए आकाश को नकद दिए थे।
आकाश दुबे के साथ कई राजनेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ आकाश की तस्वीर पोस्ट की है। वहीं, बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने दिग्विजय सिंह के साथ आशीष ठाकुर की तस्वीर पोस्ट की है। आशीष इंदौर में हुई रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में पकड़ा गया है।