भोपाल। कोरोनावायरस के कारण मध्य प्रदेश में लॉकडाउन हो गया, लॉकडाउन के कारण प्रदूषण कम हो गया, कम प्रदूषण के कारण गर्मी का एहसास भी कम हुआ लेकिन सूर्य देवता अपनी प्रचंड लपटें भोपाल भेजने वाले हैं। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने भोपाल में भीषण गर्मी की तारीख घोषित कर दी है। कहते हैं कि 25 मई से 2 जून तक भोपाल शहर में नौतपा के कारण सड़कों पर कर्फ्यू लग जाएगा।
भारत मौसम समाचार केंद्र की ओर से बताया गया है कि अमूमन गर्मी के सीजन में अप्रैल-मई में ही सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। लेकिन, इस बार अप्रैल के बाद मई में भी कई प्रदेशों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने से इस पर असर पड़ा है। इस वर्ष फरवरी से ही पश्चिमी विक्षोभ के आने का सिलसिला लगातार बना हुआ है। कम ऊंचाई पर आ रहे पश्चिमी विक्षोभ से बौछारें पड़ने का दौर जारी रहा।
भोपाल में नौतपा के दौरान भीषण गर्मी क्यों पड़ेगी
अरब सागर में चक्रवाती तूफान ताक्टे उठा है। इसके 16 मई को गुजरात के तट से टकराने के बाद मप्र में कई स्थानों पर बारिश होगी। तूफान का असर 22 मई तक बना रह सकता है। इसके बाद मौसम शुष्क हो जाएगा। इससे अधिकतम तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
नौतपा में सामान्य से ज्यादा गर्मी क्यों पड़ती है
नौतपा के समय दिन बड़े होते हैं। इस वजह से देर तक सूर्य की ऊर्जा पृथ्वी को मिलती है। इन 9 दिनों में भारतवर्ष सूर्य के सबसे नजदीक होता है। साथ ही उसकी किरणें सीधी भारत की धरती पर पड़ती हैं। इस वजह से तापमान तेजी से बढ़ता है।
नौतपा में बारिश होने का मानसून पर असर नहीं
कहा जाता है कि नौतपा में बारिश होने पर मानसून कमजोर हो जाता है। मौसम विज्ञानी इससे इत्तेफाक नहीं रखते। बेहतर मानसून के लिए तापमान का बढ़ा रहना भी एक फैक्टर है, लेकिन सिर्फ नौतपा से उसकी तुलना करना गलत है। वर्ष-2013 और 2020 में नौतपा में अपेक्षाकृत गर्मी नहीं पड़ी थी, लेकिन पूरे मप्र में सामान्य से काफी अधिक बारिश हुई थी।