जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के प्रकरण के बीच एक और रैकेट का खुलासा हुआ। इस रैकेट में अस्पताल के फीमेल-मेल नर्स, लैब टेक्निशियन और फर्जी डिग्री से डॉक्टर बने लोग शामिल थे। रैकेट में तीन अस्पताल के स्टाफ की भूमिका सामने आई है। मरीजों को लगने के लिए आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन आरोपी चुराकर बेचते थे। बाॅम्बे अस्पताल की नर्स ने 12 इंजेक्शन 1.69 लाख रुपए में बेचा था।
ओमती और क्राइम ब्राच की टीम ने मामले में 15 मई को 12-12 हजार रुपए में दो रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हुए इनफिनिटी हार्ट इंस्टीटयूट के डॉक्टर नरेन्द्र ठाकुर निवासी ग्राम किन्दराहो पथरिया जिला दमोह हाल निवासी आमनपुर मदनमहल, राम अवतार पटेल निवासी ग्राम खिरवा खुर्द विजय राघवगढ, थाना कैमोर जिला कटनी हाल निवासी आगा चैक सांई होटल के बाजू वाली गली लार्डगंज और संदीप कुमार प्रजापति निवासी बघराजी कुण्डम हाल निवासी कोठारी मेडिकल के पास कोतवाली को गिरफ्तार किया था।
ओमती पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों के खिलाफ इनिफिनटी हार्ड इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल के एचआर प्रमोद ठाकुर की शिकायत पर धारा 188, 420, भादवि, 3 महामारी अधिनियम तथा 3, 7 आवश्यक वस्तु अधिनियम का अपराध दर्ज कर जांच जेल भेज दिया था। एसपी के निर्देश पर तीनों आरोपियों का पुलिस ने रिमांड लिया। छानबीन में पता चला कि नरेंद्र सिंह ठाकुर ने फर्जी डिग्री पर डॉक्टर बना है। नरेंद्र सिंह ठाकुर के साथ विभिन्न हॉस्पिटल में काम करने वाले नर्स व मेल नर्स का एक रैकेट है, जो अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए लगने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी करता है।
रिमांड पर लिए गए नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बाम्बे हॉस्पिटल में काम करने वाली नर्स शाहजहां बेगम निवासी घुलघुली उमरिया से उसने 12 इंजेक्शन 10 से 17 हजार रुपए में खरीदे थे। इसके एवज में उसे 1.69 लाख रुपए दिए थे। इसके अलावा अनंत अस्पताल में कार्यरत मेल नर्स दीपक बिसेन निवासी बालाघाट से 10 रेमडेसिविर इंजेक्शन 12 से 15 हजार रुपए में खरीदा था। साथ ही इनफिनिटी अस्पताल के कैथलैब टेक्निशियन कृष्णपाल सिंह भदौरिया से भी 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदे थे। इन इंजेक्शनों वह श्याम सिंह लोधी निवासी कालीमठ आमनपुर मदनमहल को बेचता था।
इस खुलासे के बाद टीम बाम्बे हॉस्पिटल की नर्स शाहजहां बेगम और इनफिनिटी अस्पताल के कैथलैब टेक्निशियन कृष्णपाल सिंह भदौरिया को दबोच लिया। जबकि अन्य दो आरोपी श्यामसिंह लोधी और दीपक बिसने फरार हैं। शाहजहां ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह मरीजों को लगने वाले 2 इंजेक्शन के पहले डोज में से 1 इंजेक्शन ही लगाती थी। इस बचे इंजेक्शन को ही वह नरेंद्र सिंह ठाकुर को बेच देती थी। पूरा भुगतान उसने नरेंद्र सिंह ठाकुर से फोन-पे से लिया था। इसका रिकॉर्ड भी पुलिस ने शाहजहां के मोबाइल से जब्त कर लिया है। वहीं कृष्णपाल सिंह ने बताया कि वह संदीप प्रजापति से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर नरेंद्र सिंह ठाकुर को बेचता था। वह भी फोन-पे के माध्यम से भुगतान प्राप्त करता था।