नई दिल्ली। कोरोनावायरस की दूसरी लहर के खत्म होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए चिंता बढ़ाने वाला समाचार है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीवेज के पानी में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई है। Lucknow PGI ने पानी के सैंपल की जांच करने के बाद यह प्रमाणित किया है कि सीवरेज के पानी में वायरस मौजूद है।
Lucknow PGI पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख (HOD) डॉ. उज्ज्वला घोषाल ने बताया कि ICMR-WHO द्वारा देश में सीवेज सैंपलिंग शुरू की गई। इसमें यूपी में भी सीवेज के नमूने लिए गए है। SGPI लैब में आये सीवेज सैंपल के पानी में वायरस की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में खदरा के रूकपुर, घंटाघर व मछली मोहाल के ड्रेनेज से सीवेज सैंपल लिए गए थे। यह वह स्थान है जहां पूरे मोहल्ले का सीवेज एक स्थान पर गिरता है।
19 मई को इस सैंपल की जांच की गई तो रूकपुर खदरा के सीवेज के सैंपल में कोरोना वायरस पाया गया है। पूरी स्थिति से आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ को अवगत करा दिया गया है। घोषाल ने बताया कि अभी यह प्राथमिक अध्ययन है। भविष्य में इस पर विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। डॉ उज्ज्वला घोषाल का कहना है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के मल मूत्र आदि के माध्यम से सीवेज के पानी में कोरोनावायरस पहुंच गया होगा लेकिन चिंता की बात यह है कि सीवेज का पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के नदियों तक पहुंचता है। कुछ किसान सीवेज के पानी से सब्जियां एवं फसलों की सिंचाई करते हैं। ऐसे में अध्ययन किया जाना जरूरी है कि आम नागरिकों के लिए यह कितना नुकसानदायक होगा।