CM Sir इंजेक्शन नहीं मिला तो कल HOSPITAL की छत से सुसाइड करूंगी - INDORE NEWS

NEWS ROOM
इंदौर।
मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में एंटी फंगल इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो रहे है। ऐसे में कई मरीज अस्पताल व चिकित्स द्वारा लिखा पर्चा लेकर इस इंजेक्शन के लिए दवा बाजार से लेकर शहर की कई दवा दुकानों पर भटक रहे हैं। इसी बीच इंदौर से एक वीडियो वायरल हुआ  जिसमें महिला कह रही है कि यदि उसके पति को इंजेक्शन न मिला तो वो अस्‍पताल की छत से कूद जाएगी।   

राज्य शासन के निर्देश पर ड्रग डीलर से सीधे अस्पतालों को यह इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के निर्देश भले ही दिए जा रहे है लेकिन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अभी तक यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर दवा विक्रेताओं का कहना कि उनके पास अस्पताल या उनकी फार्मेसी की ओर से इंजेक्शन की कोई डिमांड नहीं आ रही है। अस्पताल मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन के लिए पर्चे लिखकर दे रहे हैं। ऐसे में एक ही पर्चे से लोग कई दवा दुकानों से इंजेक्शन लेकर स्टोर करने का भी प्रयास करते हैं। प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीजों को सीधे इंजेक्शन उपलब्ध व्यवस्था की जा रही है।

मंगलवार को बाम्बे अस्पताल में भर्ती 40 वर्षीय विशाल मंडलोई की पत्नी ममता का इंजेक्शन की अपील को लेकर वाट्सअप व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीडियो वायरल हुआ। ब्लैक फंगस से इलाज के लिए भर्ती संक्रमित व्यक्ति की पत्नी ने अपना वीडियो बनाकर शासन व प्रशासन से अस्पताल में एंटी फंगल इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की अपील की। इंजेक्शन न मिलने पर महिला ने अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या करने की बात कही।

महिला का कहना है कि मेरे पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। अस्पताल में इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है और हमें इंजेक्शन के लिए बाहर भटकना पड़ रहा है। मैं उनको तिल-तिल तड़पते हुए नहीं देख सकती हूं। मेरे पति की हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। पति का जबड़ा दर्द कर रहा है। इस हाल में मै उन्हें लेकर कहा जाऊ। उनकी आंख जाने का खतरा है और दिमाग में फंगस जाने पर पेरालिसिस होने का खतरा भी है। हमारे समय की कीमत जिंदगी और मौत हो गई है। मेरी कलेक्टर, मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से अपील है कि अस्पताल में जल्द से जल्द इंजेक्शन पहुंचाए।

पति की पीड़ा देख बनाया वीडियो

ममता के मुताबिक उनके पति को 30 अप्रैल को बाम्बे अस्पताल में भर्ती किया था और उसके बाद उनकी फंगस निकालने के लिए सर्जरी हुई। इसके बाद कुछ इंजेक्शन अस्पताल से मिले और कुछ बाहर से मिले। इसके बाद हम 11 मई को अस्पताल से डिस्चार्ज होकर धामनोद चले गए और वहां पर चिकित्सक की सलाह इंजेक्शन लगवाए। 14 मई को जब हम पुन: बाम्बे अस्पताल दिखाने के लिए आए थे। तब डाक्टर ने गोलियों को डोज बढ़ा दिया था। गोलियों लेकर धामनोद गए। कलेक्टर के निर्देशानुसार अस्पताल में भर्ती मरीजों को ही एंटी फंगल इंजेक्शन मिलना थे। इस वजह से दोबारा अस्पताल में भर्ती हुए लेकिन इंजेक्शन अस्पताल व बाहर दुकानों पर नहीं मिल रहे थे। इस वजह से मैनें वीडियो बनाया। भावनात्मक आवेश में आकर आत्महत्या की बात कही।

18 मई को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार

Tags

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!