नई दिल्ली। भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन का कहना है कि कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन 10 मीटर दूर तक लोगों को संक्रमित कर रहा है। उन्होंने नई एडवाइजरी जारी करके लोगों से कहा है कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 10 मीटर की दूरी बनाकर रखें। उल्लेखनीय है कि भारत के वैज्ञानिकों की एक टीम लगातार वायरस के बदलते हुए वेरिएंट पर रिसर्च कर रही है।
CORONA का संक्रमण 3 प्रकार से फैलता है
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने बताया है कि किसी कोरोना संक्रमित मरीज का स्लाइवा, ड्रॉपलेट और एयरोसॉल के रूप में कोरोना संक्रमण लगातार बाहर फैलते रहता है। ड्रॉपलेट 2 मीटर तक जाकर सतह पर बैठ जाता है, वहीं एयरोसॉल 10 मीटर तक हवा में फैल सकता है। इसलिए कोरोना संक्रमित व्यक्ति से 10 मीटर दूर रहना चाहिए। (शायद इसीलिए इस बार कहा गया कि कोरोनावायरस हवा में है।)
घरों और ऑफिसों में वेंटिलेशन बढ़ाने की सलाह
एडवाइजरी में यह भी बताया गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में घरों, ऑफिसों और सार्वजनिक जगहों पर तेजी से वेंटिलेशन सुनिश्चित करने की जरूरत है। घरों, ऑफिसों और सेंट्रलाइज्ड बिल्डिंग में पंखे लगाकर, खिड़कियां-दरवाजे खोलकर वायु का प्रवाह बढ़ाने की सलाह दी गई है।
हवादार जगहों पर संक्रमण का खतरा कम
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने चेताया है कि किसी संक्रमित शख्स के हंसने, बोलने, खांसने आदि से जो ड्रॉपलेट या एयरोसोल निकलता है, वह वायरस के फैलने का मुख्य कारण होता है। किसी जगह पर हवा का सर्कुलेशन बढ़ने से वहां पर आ रही गंध खत्म हो जाती है, उसी तरीके से किसी जगह पर वेंटिलेशन बढ़ाने से वहां कोरोना फैलने का खतरा कम हो जाता है।