ग्वालियर। कोरोनावायरस का संक्रमण फैलता ही चला जा रहा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं। यहां तक की संक्रमित इलाकों में सर्वे के लिए अप्रशिक्षित अधिकारी कर्मचारियों को भेजा जा रहा है। नतीजा बड़ी संख्या में कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव गांव ईटमा में सर्वे करने गए तहसीलदार और 4 पटवारी सहित कुल 12 कर्मचारी अधिकारी संक्रमित हो गए।
मध्य प्रदेश का पहला कोरोना पॉजिटिव गांव
ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील में आने वाला ईटमा गांव, शायद मध्य प्रदेश का पहला कोरोना पॉजिटिव गांव है। गांव की आबादी मात्र 1200 नागरिक है। इस गांव में ज्यादातर लोग जांच नहीं करवा रहे हैं। जबकि लगभग सभी सर्दी खांसी और जुकाम से पीड़ित हैं। जितने लोगों ने जांच करवाई उनमें से 74 संक्रमित पाए जा चुके हैं। 3 दिन पहले इस गांव में संक्रमित नागरिकों की संख्या मात्र 9 थी।
अप्रशिक्षित सरकारी अमला सर्वे करने पहुंचा और संक्रमित होकर लौटा
मध्यप्रदेश में कलेक्टर एवं एसडीएम संक्रमण की रोकथाम के नाम पर खतरनाक आदेश जारी करने लगे। भितरवार के ईटमा गांव में अप्रशिक्षित कर्मचारियों की टीम को सर्वे करने के लिए भेज दिया। टीम के पास ना तो PPE KIT थी और ना ही सैनिटाइजर। चौंकाने वाली बात यह है कि टीम के पास अपनी अथवा गांव वालों की प्राथमिक जांच के लिए किसी भी प्रकार के मेडिकल उपकरण भी नहीं थे। टीम में तहसीलदार, 4 पटवारी सहित कुल 12 कर्मचारी शामिल थे। सर्वे करने के बाद जब वापस लौटे तो सभी संक्रमित हो चुके थे।