ग्वालियर। CORONA के इलाज के नाम पर इस साल और असंवेदनशीलता एवं अवस्थाएं रिकॉर्ड तोड़ रहीं हैं। पिछले साल सैंपल लेने के लिए टीम घर आ जाती थी, इस साल अस्पतालों में लाइन लगवाई जा रही है। मरीजों को धूप में खड़ा करवाया जा रहा है। सिविल अस्पताल में COVID की जांच कराने आए एक सीनियर सिटीजन धूप में खड़े-खड़े बेहोश हो गए और वहीं पर उनकी मृत्यु हो गई।
मृतक दैनिक भास्कर ग्रुप का कर्मचारी था
घटना बुधवार सुबह हजीरा सिविल अस्पताल की है। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मर्ग कायम किया है। उपनगर ग्वालियर के सेवा नगर निवासी हरिओम शर्मा (60) डीबी ग्रुप में कर्मचारी थे। बीते 3-4 दिन से उन्हें गले में खराश हो रही थी। एक दिन पहले हल्का सा बुखार आया। इस पर वह बुधवार सुबह हजीरा सिविल अस्पताल में कोरोना जांच कराने पहुंचे थे। बुधवार सुबह से मौसम काफी गर्म था।
मरीजों पर नजर रखने तक के लिए कर्मचारी नहीं
सुबह के 9 बजे ही 33 डिग्री सेल्सियस तापमान हो गया था। ऐसे में लंबी लाइन और बाहर धूप में खड़े होना पड़ा था। हरिओम शर्मा को अचानक बेचैनी होने लगी। आगे लगे कुछ लोगों से उन्होंने उनको आगे जाने देने के लिए कहा, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। मरीजों पर नजर रखने के लिए अस्पताल की तरफ से कोई कर्मचारी तैनात नहीं था। मात्र 20 मिनट में हरिओम शर्मा बेहोश होकर गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई।
वह तो डर के कारण मर गए: डॉक्टरों की दलील
हरिओम शर्मा कोरोना की जांच कराने आए थे, लेकिन लाइन में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। अब उन्हें कोरोना था या नहीं यह साफ नहीं हो सका है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें 90 फीसदी कोरोना होने की संभावना है। वह टेस्ट कराने से पहले भी पॉजिटिव न आ जाएं, इसे लेकर घबराए हुए थे।
सरकारी अस्पतालों में ना छांव है ना पानी
जिले के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्पताल, मुरार जिला अस्पताल, हजीरा सिविल अस्पताल तीनों से लेकर अन्य डिस्पेंसरी तक कहीं भी कोविड टेस्ट कराने आने वालों को धूप से बचाने का प्रबंध तक नहीं है। साथ ही, अस्पतालों में पीने का पानी तक नहीं है। ऐसे में लोग लाइन में बेहोश होकर गिर रहे हैं।