जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विगत कई वर्षों से केन्द्र सरकार के साथ साथ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। जहाँ एक ओर शासकीय विभागों को बंद/निजी हाथों में सौपकर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं लगभग 1.5 वर्षों में कोरोना महामारी से लड़ने में पहली लहर से दूसरी लहर तक शासकीय अमला दिन-रात सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर निष्ठा व इमानदारी से कर्तव्यों व दायित्वों का बखूबी निर्वाहन करते हुए कोरोना महामारी को समाप्त किये जाने में निरंतर अपनी सेवायें दे रहा है।
कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए शासकीय कर्मचारी तैनात हैं
शासकीय अमला बस स्टेण्ड, चूंगीनाके, टोल नाका, एयर पोर्ट, रेल्वे स्टेशन, भोजन वितरण, घर-घर सर्वे, कोरोना कंट्रोल रूम, वैक्सीनेशन व इलाज के साथ साथ श्मसान में भी अपनी सेवाय दे रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। आज अगर शासकीय अमला न होता तो कोरोना पर नियंत्रण पाना न मुमकिन था। जहाँ सरकार निजीकरण को बढ़वा दे रही है वहीं शासकीय अमले द्वारा कोरोना महामारी की रोकथाम में कसौटी पर खरा उतर कर निजीकरण को तमाचा मारा गया है।
प्राइवेट अस्पतालों ने आपदा को अवसर में कैसा बदला
यह सभी को ज्ञात है कि निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना महामारी आपदा को अवसर में बदला गया है जिसके कारण पूर देश, प्रदेश, व शहर में चहूँओर त्राहीमाम–त्राहीमाम मचा हुआ है वही सरकारी अमला अपनी जान की परवाह न करते हुए सौकड़ो की संख्या में अपनी व अपने परिवार की जान गवाने के बाद भी निष्ठा व इमानदारी से अपना पूर्ण योगदान कोरोना महामारी की रोकथाम में दे रहे हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, शहजात द्विवेदी, रजनीश पाण्डेय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, मंसूर बेग, दीपक राठौर, अनुराग चन्द्रा, मुकेश धनगर, ब्रजेश मिश्रा, नेतराम झारिया, प्रकाश सेन, इंद्रकुमार मिश्रा, संतकुमार छोपा, श्रीराम झारिया, एस.बी.मिश्रा, प्रमोद पासी, देवेन्द्र प्रताप सिंह, विमल कोष्टा, सुनील सेठी, श्यामनारायण तिवारी, नितिन शर्मा प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र ईमेल के माध्यम से भेजकर निजीकरण पर अंकुश लगाने की मांग की है।