नई दिल्ली। भारत में प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी एवं इन कंपनियों में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी, यदि किसी की कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को पेंशन दी जाएगी। इससे पहले तक प्राइवेट कर्मचारियों के आश्रितों को कार्य के दौरान मृत्यु पर पेंशन नहीं जाती थी और कैजुअल एंप्लोई एवं मजदूरों को कोई पेंशन नहीं दी जाती थी। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने रविवार को आदेश जारी कर दिया है।
कोरोना से मृत प्राइवेट कर्मचारी का सम एस्योर्ड बढ़ाया
अगर किसी इंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) से इंस्योर्ड कर्मचारी की मृत्यु कोरोना महामारी के चलते होती है तो उसके आश्रित को पेंशन दी जाएगी। वह कर्मचारी जिस कंपनी में ईपीएफओ के तहत इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) से जुड़ा होगा, उसके सम एस्योर्ड को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय की तरफ से रविवार को यह आदेश जारी किया गया है।
कर्मचारी बीमा के नियम में बदलाव
ईएसआईसी के तहत काम इंश्योर्ड कर्मचारियों के लिए अभी तक पेंशन का नियम कुछ और था। अभी तक आश्रित को तभी पेंशन मिल पाती है जब ईएसआईसी के इंश्योर्ड कर्मचारी (IP) की काम के दौरान मृत्यु हो जाती है या कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है। नियम के मुताबिक डेली वेज के 90 फीसद के आधार पर जो पेंशन बनती है, वह कर्मचारी की पत्नी और विधवा मां को दी जाती है। यह पेंशन पूरी जिंदगी दी जाती है। यह पेंशन बच्चों को भी मिलती है जब तक वे 25 साल के नहीं हो जाते हैं। कर्मचारी की कोई बेटी है तो उसकी शादी तक पेंशन की सुविधा मिलती है। अब इस नियम में कोरोना महामारी से हुई मृत्यु के प्रावधान को भी जोड़ दिया गया है।
कोरोनावायरस से मृत प्राइवेट कर्मचारी के आश्रितों को पेंशन की शर्तें
इसके लिए दो शर्तें रखी गई हैं। पहला, ईएसआईसी का कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल पर कम से कम तीन महीने से रजिस्टर्ड होना चाहिए। दूसरा, कर्मचारी को नियोक्ता की तरफ से कम से कम 78 दिन तक मेहनताना और ईएआई के अंशदान का फायदा मिला हो। 24 मार्च, 2020 से इस सुविधा को प्रभावी कर दिया गया है जो अगले 2 साल तक जारी रहेगी।
ठेके के कर्मचारियों को भी लाभ दिया जाएगा
ESIC की तरह ईपीएओ भी अपने सदस्यों को खास सुविधा दे रहा है। ईडीएलआई से जुड़े किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होने पर उसके सभी आश्रितों को ईडीएलआई की सुविधाएं दी जाएंगी। अब तक 1 साल के नियम के चलते कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले या कैजुअल श्रमिकों को 2.5 लाख की इस बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता था। अब वे भी इस बीमा के हकदार होंगे।