पंकज शुक्ला/डिंडोरी। समनापुर ब्लॉक के ग्राम अंडई में खरमेर नदी पर प्रस्तावित बांध निर्माण स्थल पर प्रशासन द्वारा पुलिस बल तैनात कर निर्माणकार्य शुरू की जाने की मुहिम क्षेत्रीय ग्रामीणों के आक्रोश के आगे एक बार फिर से असफल हो गई और आज जिले के साथ ही बाहर के जिलों से बुलवाया गया पुलिस बल जैसे ही निर्माण स्थल पर पहुंचा गांव में कल से मोर्चा बन्दी कर चुके ग्रामीण आक्रोशित हो गए।
ग्रामीणों को कार्य प्रारंभ होने और पुलिस फोर्स तैनात किए जाने की भनक पहले से लग चुकी थी और ग्रामीण बड़ी संख्या में लाठी डंडे, कुल्हाड़ी, हसिया लेकर प्रस्तावित निर्माण स्थल पर जमा थे और वे प्रशासन को चेतावनी दे रहे थे कि वे अपनी जमीन बचाने हर लड़ाई के लिए तैयार है। ग्रामीणों के उग्र रवैए के बाद एसडीएम महेश मंडलोई ने ग्रामीणों से चर्चा की जिस पर विरोध कर रहे ग्रामीणों ने क्षेत्र में पुलिस फोर्स को हटाने और ग्रामीणों की पूरी तरह से सहमति के बिना कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने की बात कही। स्थिति तनावपूर्ण होने और ग्रामीणों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम ने पुलिस बल को हटने के निर्देश दिए। जिसके बाद जिला पंचायत सदस्य चन्द्रकला परस्ते और बजाग जनपद अध्यक्ष ऋद्रेश परस्ते ने जनता की और से प्रशासन से चर्चा की और फिलहाल पुलिस बल को कार्य स्थल से वापस कर दिया गया।
काफी दिनों से तनाव की स्थिति है
उक्त स्थल पर लंबे समय से निर्माण को लेकर ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है पहले भी कई बार जिला प्रशासन को ग्रामीणों के विरोध के कारण वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा है। बलपूर्वक ग्रामीणों को राजी करना कठिन हो रहा है वहीं जल संसाधन विभाग के अमले की कार्यप्रणाली और मुआवजा वितरण में अपनाए गए तरीके के चलते भी विवाद की स्थितियां है वहीं कुछ तत्व राजनैतिक रोटियां भी सेक रहे है। विभाग का दावा है कि 80% वे लोग मुआवजा ले चुके है जिनकी भूमि डूब में आ रही है उसके उल्ट लगातार इस निर्माण का विरोध कर रहे लोगों की बड़ी संख्या कार्यस्थल पर देखी जा रही है।
लगभग एक वर्ष पूर्व भी प्रशासन को बढ़ते तनाव के बीच ग्रामीणों के बीच से वापस आना पड़ा था और विरोध करने वाले किसी स्थिति में मानने तैयार नहीं थे इस बीच कार्यस्थल पर संबंधित विभाग और प्रशासन ने लोगों से कोई चर्चा नहीं की कोई हल नहीं निकाला गया और आज अचानक फिर पुलिस बल के साथ पहुंचे अमले का विरोध हुआ जिसके बाद प्रशासन को पीछे हटना पड़ा।