कोई कागज को फाड़ता है तो उसमें से एक आवाज निकलती है लेकिन यदि उसी कागज को गीला कर दिया जाए और फिर फाड़ा जाए तो कोई आवाज नहीं आती। सवाल यह है कि कागज को फाड़ने पर ध्वनि उत्पन्न क्यों होती है। और जब उसे गीला कर दिया जाता है तो फिर ध्वनि उत्पन्न क्यों नहीं होती। आइए पता लगाते हैं:-
कागज को फाड़ने पर आवाज क्यों आती है
अपने प्रश्न का उत्तर जानने के लिए सबसे पहले हमें कागज के निर्माण की प्रक्रिया को समझना होगा। यह तो सभी जानते हैं कि कागज पेड़ों से बनाए जाते हैं। दरअसल वृक्षों के अंदर सेल्यूलोज नाम का कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। सेल्यूलोज के रेशों को मिलाकर एक जाल बनाया जाता है। हाइड्रोजन बॉन्ड्स इन्हें आपस में जोड़कर रखते हैं। इसलिए जैसे ही हम कागज को फाड़ते हैं, हाइड्रोजन बॉन्ड्स टूटने लगते हैं और इसी प्रक्रिया के कारण आवाज आती है। कुल मिलाकर जब भी किसी संबंध को बलपूर्वक तोड़ने की कोशिश की जाएगी तो वह आवाज जरूर करेगा।
गीला कागज फाड़ने पर आवाज क्यों नहीं करता
जब हम कागज को गीला कर देते हैं तो सेल्यूलोज पानी को अवशोषित कर लेता है और फूलकर आपस में चिपक जाता है। पानी के कारण वह जालीदार संरचना समाप्त हो जाती है, जिसके होने से कागज अस्तित्व में आया था। ऐसी स्थिति में जब आप कागज को फाड़ते हैं तो सेल्यूलोज तंतु एक दूसरे से अलग होते चले जाते हैं, उनका आपस में संबंध कमजोर हो जाता है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन बॉन्ड्स टूटते नहीं है इसलिए कोई आवाज भी नहीं होती। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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