भोपाल। कोरोना संकट के बीच जान जोखिम में डालकर किसानों से गेहूं खरीद करने और निशुल्क राशन वितरण का काम करने वाले सहकारी समितियों के कर्मचारियों के स्वजन को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर पात्रता के अनुसार एक माह के भीतर नियुक्ति दी जाएगी।
वहीं, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के स्वजन को भी नौकरी पर रखा जाएगा पर वे नियमित नहीं होंगे। सहकारिता विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से ऐसे प्रकरणों की जानकारी मांगी है ताकि अंतिम निर्णय जल्द हो सके। प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के नियमित कर्मचारी के निधन पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रविधान है। इसके दायरे में कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु के मामले भी आएंगे।
दरअसल, प्रदेश में अभी गेहूं की खरीद का काम चल रहा है। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सावधानियां तो बरती जा रही हैं पर कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए और 103 की मृत्यु हो गई। इससे कर्मचारी भयभीत तो हैं ही, उन्हें स्वजन के भविष्य की चिंता भी सता रही हैै। इसको लेकर कर्मचारियों ने कलमबंद आंदोलन की घोषणा भी कर दी थी।
हालांकि, कर्मचारी सहकारिता मंत्री डॉ.अरविंद सिंह भदौरिया से चर्चा के बाद मान गए और आंदोलन को स्थगित कर दिया। उधर, विभाग ने मांग को जायज मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय कर लिया। सहकारिता आयुक्त नरेश पाल कुमार ने सभी समिति के प्रबंधकों को पत्र लिखकर प्रविधान के बारे में बताया है।
उन्होंने कहा कि नियमित कर्मचारी का कोरोना से निधन होने पर स्वजन को पात्रता अनुसार एक माह में नियुक्ति दी जाए। यदि किसी प्रकार की कोई अनुमति लेनी है तो इसके लिए जिले के उप एवं सहायक आयुक्त सहकारिता को अधिकृत कर दिया है। वहीं, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के प्रकरण में पति, पत्नी, पुत्र या अविवाहित पुत्री को विशेेष परिस्थिति में संविदा या दैनिक वेतनभोगी पद पर ही अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इसके लिए समितियों के संचालक मंडल या प्रशासक को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।