पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के साथ हुआ सौतेला व्यवहार, नहीं मिला फिक्स मानदेय - EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वान (व्याख्याता) संघ के प्रदेश सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि तकनीकि शिक्षा विभाग के साथ आज से ही नहीं बल्कि पिछले कई वर्षों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार में तकनीकी शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याताओं को छोड़कर विभागों के अन्य नियमित अन्य कर्मचारियों को 7वे वेतनमान का लाभ दिया गया किन्तु अतिथि व्याख्याताओं  फिक्स मानदेय जारी नहीं किया  है। समय समय पर अन्य विभाग उनके अधीन कार्यरत कमर्चारियों एवं अतिथियों के संशोधन कर समीक्षा के बाद आदेश जारी किए गए लेकिन तकनीकि शिक्षा विभाग के साथ ये सौतेला व्यवहार प्रशासनिक अधिकारियों की नगण्य निर्णय क्षमता और  अतिथि व्याख्याता कमर्चारियों के प्रति शोषणकारी नीतियों के तहत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की सांठ - गांठ से किया जा रहा है।

अब तकनीकि शिक्षा मंत्री श्रीमति यशोधरा राजे सिंधिया से उम्मीद बनी हुई है विगत 26 अगस्त 2020 एवं 11 दिसंबर 2020 को शिवपुरी प्रवास के दौरान अतिथि व्याख्याता प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन दिया गया था। जिस पर कार्यवाही करने हेतु मंत्री जी द्वारा मौके पर उपस्थित विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से फिक्स वेतनमान का प्रस्ताव मध्यप्रदेश शासन को भेजकर फिक्स सैलरी आदेश जारी करने हेतु आश्वासन दिया गया था।

पूर्व कांग्रेस सरकार में श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी सिंधिया द्वारा भी हमारे हक के लिए लडने की बात कही गई थी और विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान से लेकर वरिष्ठ नेताओं ने भी यह कहा था कि " अतिथि व्यवस्था अन्याय पूर्ण व्यवस्था है" लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विभागीय प्रशासन को मार्च 2020 से मई 2021 तक इन 15 महीनों के दौरान इस कोरोना covid-19 महामारी भी कई ज्ञापन दिए लेकिन फिक्स मानदेय आज भी लंबित है।

हाल ही विभाग द्वारा खजाना खाली होने के बाद नियमित कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ दिया गया लेकिन सौतेला व्यवहार जारी रखते हुए तकनीकि शिक्षा विभाग के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग के अतिथि विद्वानों को प्रशासन के असंवेदशील व्यवहार के कारण दरकिनार किया गया। फिर भी तकनीकि अतिथि विद्वान सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे है। यदि शासन द्वारा जल्द ही फिक्स मानदेय और नियमितीकरण पर विचार नहीं किया गया तो मजबूरन समस्त अतिथि व्याख्याताओं को धरना प्रदर्शन, कलमबंद अभियान जैसी गतिविधियां आयोजित करना पड़ेगी जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।

29 मई को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार


महत्वपूर्ण, मददगार एवं मजेदार जानकारियां

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!