हर व्यक्ति की अपनी इज्जत होती है और वह एक बार गिर जाए तो दोबारा बनाना एक मकान बनाने से कम नही होती है। अगर व्यक्ति की इज्ज़त पर कोई लांछन लगाता है तो यह एक मानहानि का अपराध होता है। जिसके बारे में हमने आपको धारा 499 में सम्पूर्ण जानकारी दे दी थी। लेकिन यहाँ अगर किसी व्यक्ति को ऐसे शब्दों द्वारा उसका अपमान किया जाए जैसे-सुअर की औलाद, हरामजादे, कमीने, आवारा कुत्ते आदि तब ऐसा अपमान करना धारा 504 के अंतर्गत अपराध होगा न कि मानहानि का।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 504 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर कर अपने बोले गए शब्दों से किसी व्यक्ति को अपमानित करेगा बोले गए शब्द इस प्रकार हो सकते हैं:- हरामजादे, कुत्ते की औलाद, कमीने तेरी औकात क्या है, सुअर की औलाद, लातों से मारा होता आदि गालियों से भी जिससे लोक-शांति भांग हो रही है, तब ऐसे शब्दों का प्रयोग करने वाला व्यक्ति धारा 504 के अंतर्गत दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 504 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
यह अपराध दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 320 की सारणी-1 के अंतर्गत समझौता योग्य होते हैं यह समझौता जिस व्यक्ति का अपमान किया गया है उससे किया जा सकता है। यह असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं, इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी मजिस्ट्रेट को होता है। सजा- इस अपराध के लिए दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दाण्डित किया जा सकता है।
प्राइवेट प्रतिरक्षा के लिए दी गई गाली - क्षम्य नहीं है:-
उधरणानुसार वाद:- उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सेरई बेहरा बनाम बिपिन बिहारी रॉय- वाद में न्यायालय द्वारा निर्णय दिया कि किसी व्यक्ति के प्रति भड़कावे में आकर कही गई अपमानकारी अशिष्ट गालियां व्यक्तिगत प्रतिरक्षा के बचाव के अंतर्गत क्षम्य नहीं होगी और दोषी व्यक्ति को धारा 504 के अंतर्गत दाण्डित किया जाएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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