शराब एक पेय पदार्थ है। भले ही डॉक्टर इसे जिंदगी के लिए खतरनाक बताते हो परंतु भारत में सरकार की मंजूरी के बाद बेचा जाता है। आपने अक्सर देखा होगा यदि कोई व्यक्ति लड़खड़ाते हुए चल रहा है तो यह मान लिया जाता है कि वह शराब पिए हुए हैं। लड़खड़ा कर चलना या फिर बार-बार बैलेंस बिगड़ना, शराब पीने का लक्षण माना जाता है। सवाल यही है, शराब पीने से शरीर का बैलेंस क्यों बिगड़ने लगता है। पैर क्यों लड़खड़ाने लगते हैं।
शराब पीते ही शरीर में क्या परिवर्तन होते हैं
एम्स के डॉ. उमर अफरोज बताते हैं कि एक अध्ययन के अनुसार, शराब की एक घूंट महज 30 सेकंड में दिमाग तक अल्कोहल पहुंचाने के लिए काफी है। दिमाग में पहुंच कर यह अल्कोहल उन केमिकल्स और प्रोसेस को प्रभावित करता है, जो दिमाग से संदेश लेकर शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाता है। इसी के कारण दिमाग के काम करने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और इससे इंसान के शरीर का बैलेंस बिगड़ने लगता है। वह ठीक प्रकार से खड़ा नहीं हो पाता, चल नहीं पाता क्योंकि उसका शरीर बार-बार उसके दिमाग से डिस्कनेक्ट हो जाता है।
सरल शब्दों में समझिए
आपके पास एक रोबोट है और उसका रिमोट कंट्रोल आपके पास है। यह रोबोट तब तक ही अपने दो पैरों पर खड़ा रह सकता है जब तक की आपका रिमोट कंट्रोल वाईफाई या फिर वायरलेस सेंसर अथवा किसी भी माध्यम से रोबोट से कनेक्ट रहे। यदि रिमोट डिस्कनेक्ट हुआ तो रोबोट का बैलेंस बिगड़ जाएगा। ऐसी स्थिति में यदि रिमोट प्रत्येक 30 सेकंड में 3 सेकंड के लिए डिस्कनेक्ट होगा तो क्या होगा। शराब पीने के बाद ऐसा ही होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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