मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने 11 मई 2021 को बयान दिया कि यज्ञ एक चिकित्सा है और इसके माध्यम से कोरोनावायरस को खत्म किया जा सकता है। इसके बाद यह विषय बहस का मुद्दा बन गया। कई लोग इसे अंधविश्वास और मेडिकल साइंस का अपमान बता रहे हैं। कैबिनेट मंत्री को अयोग्य कहा जा रहा है। आइए जानते हैं यज्ञ में क्या होता है और क्या वाकई यज्ञ की अग्नि एवं धुएं से वायरस खत्म हो जाते हैं।
वैदिक यज्ञ की परंपरा अंधविश्वास है या विज्ञान
OH MY GOD जैसी फिल्म की प्रशंसा करने वाले अक्सर दलील देते हैं कि वैदिक यज्ञ अनुष्ठानों में जितना घी एवं अनाज आदि सामग्री अग्नि में स्वाहा कर दी जाती है, यदि मंदिर के बाहर बैठे भिखारियों को दे दी जाए तो उनको पौष्टिक भोजन प्राप्त हो सकता है लेकिन विचार करने वाला विषय है कि यदि यह तर्क सही है तो फिर प्राचीन काल के वैज्ञानिकों (ऋषियों) ने यज्ञ विधान और यज्ञ के बाद दान विधान क्यों बनाएं। क्या हम अपने पूर्वजों को अंधविश्वासी और बुद्धिहीन मानने के लिए तैयार हैं।
वैदिक यज्ञ से कौन सी गैस निकलती है
फ्रांस के वैज्ञानिक त्रिले ने यज्ञ-हवन क्रियाओं के संदर्भ में जो अनुसंधान किए हैं वे आंख खोलने वाले हैं। त्रिले के अनुसार यज्ञ-हवन में जो काष्ठ या लकड़ी (पांच प्रकार के वृक्षों की जलाऊ लकड़ी) जलाई जाती है, उससे फार्मिक एल्डिहाइड नामक एक गैस उत्पन्न होती है। त्रिले के अनुसार यह गैस कई प्रकार के ज्ञात एवं अज्ञात वायरस को नष्टकर वातावरण-पर्यावरण को स्वच्छ रखने में पूणर्त: समर्थ है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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