ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भितरवार का ईटमा गांव इस समय हॉट स्पॉट बना हुआ है। वहां अभी तक दो दिन में 74 संक्रमित मिल चुके हैं। मंगलवार को वहां समझाइश देने और सैंपलिंग कराने गए तहसीलदार, चार पटवारियों सहित एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारी भी संक्रमित हो गए हैं। गांव के हालत बेहद खराब हैं।
यहां तीन दिन पहले तक सिर्फ 9 संक्रमित थे, लेकिन गांव के लोगों की लापरवाही के चलते यहां अचानक कोरोना विस्फोट हो गया है। इसके अलावा बुधवार को जिले में कुल 1020 नए संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही 31 लोगों की कोविड के चलते मौत हुई है। पर बुधवार को एक राहत भरी खबर भी है। जिले में संक्रमित से ज्यादा 1167 पेशेंट डिस्चार्ज होकर अपने घर के लिए गए हैं।
कोरोना संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए शासन से लेकर प्रशासन तक अपने स्तर पर काफी प्रयास किए हैं, लेकिन कोरोना की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है। हर दिन हजारों की संख्या में संक्रमित प्रदेश के महानगरों में निकल रहे हैं। ग्वालियर जिले में अब शहर से ज्यादा देहात में कोरोना संक्रमण परेशानी बन हुआ है। गांव के लोग सर्दी, खांसी-जुकाम से पीड़ित हैं, लेकिन वह टेस्ट कराने बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस तरह की लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल ही में शहर से 50 किलोमीटर दूर भितरवार के ईटमा गांव में देखने को मिला है।
यहां तीन दिन पहले तक सिर्फ 9 संक्रमित थे, लेकिन इनसे संक्रमण अन्य लोगों में फैला और इसके बाद सभी लोग शादियों में शामिल होकर जमकर नाचे गाए। इसका नतीजा यह देखने को मिल रहा है। यहां दो दिन में 74 नए संक्रमित मिल चुके हैं। अभी तो आधे गांव की सैंपलिंग हुई है। यहां हालत इतने खराब हैं कि यहां गांव के लोगों को समझाइश देने और उनकी सैंपलिंग कराने पहुंचे तहसीलदार चीनोर, चार पटवारी सहित अन्य एक दर्जन अधिकारी व कर्मचारी भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।