ग्वालियर। आपदा प्रबंधन के नाम पर सारी चिकित्सा सेवाएं नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के नियंत्रण में चली गई है। एक महिला डॉक्टर ने वीडियो जारी करके बताया है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का समर्थक किस प्रकार एक माफिया की तरह व्यवहार करता है और ना केवल उनके काम में हस्तक्षेप करता है बल्कि उसके हिसाब से काम करने के लिए मजबूर कर देता है।
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के यहां से एक व्यक्ति मरीजों को लेकर आता है
ग्वालियर के हजीरा सिविल अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर डेंटल सर्जन ज्योति सिंह ने वीडियो जारी किया है। डॉ ज्योति सिंह इस वक्त कोरोना सैम्पलिंग विभाग में ड्यूटी कर रही हैं। उन्होंने Video के माध्यम से बताया कि वह रोज 400 मरीजों की देखभाल करती हैं, लेकिन पिछले चार दिनों से बड़ी समस्या होने लगी। एक व्यक्ति जिसे वो नहीं जानती कौन है, रोज अलग-अलग बीमारी के मरीजों को लेकर हॉस्पिटल आकर उन्हें परेशान करता है। युवक कहता है कि वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के यहां से आया है, इसलिए उनके मरीजों का जल्दी इलाज किया जाए।
तुम जानते नहीं मैं कौन हूं, दो दिन में नौकरी से निकलवा दूंगा
डॉक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल में कई मरीज सुबह 9 बजे से लाइन लगाकर इलाज के लिए इंतजार करते हैं, कई गंभीर बीमारी वाले मरीज भी हैं। ऐसे में इन लोगों का पहले इलाज किया जाए या किसी ऐसे व्यक्ति के परिजनों का जो मंत्री के नाम की धौंस दिखाकर हॉस्पिटल स्टाफ को धमका रहा है। महिला डॉक्टर ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आता कि वह क्या करे। युवक आज फिर हॉस्पिटल में आकर मरीजों के इलाज के लिए दबाव बनाने लगा, उसी वक्त दो गर्भवती महिलाओं का इलाज होना था। उन्होंने पहले महिलाओं का इलाज करने की बात कही, लेकिन युवक उन्हें धमकाते हुए कहने लगा, "तुम जानते नहीं मैं कौन हूं, दो दिन में नौकरी से निकलवा दूंगा।"
कलेक्टर से अपील: नेताओं की दखलअंदाजी बंद करवाइए
डॉ ज्योति ने बताया कि कई गंभीर मरीजों को छोड़कर उन्हें युवक के मरीजों का टेस्ट कराना पड़ा, बावजूद इसके वह अभद्रता व बदतमीजी से ही बात कर रहा था। महिला डॉक्टर ने अंत में कहा कि उन्होंने ये काम लोगों की सेवा करने के लिए ही चुना है, लेकिन कुछ लोगों के व्यवहार से उनके मन को चोट पहुंचती हैं। इन परिस्थितियों में उनके हॉस्पिटल का कोई भी स्वास्थ्य कर्मी काम नहीं करना चाहता। उन्होंने प्रशासन से निवेदन करते हुए कहा कि कोरोना से हालात दुखद है, ऐसे में उन्हें कम से कम इन लोगों से तो बहस नहीं ही करना है।