ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बुजुर्ग ने लाइसेंसी बंदूक की नाल अपने पेट पर रखकर ट्रिगर दबा दिया। गोली पेट को चीरते हुए निकल गई। आवाज सुनकर परिजन छत पर पहुंचे। उन्हें तुरंत JAH लेकर पहुंचे, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
घटना रविवार रात 11 बजे शंकर कॉलोनी जनकगंज की है। पुलिस ने रात को पहुंचकर शव डेड हाउस में रखवा दिया। पता लगा है, लगातार घर में रहने के कारण उनमें चिड़चिड़ापन आ गया था। सोमवार को पुलिस ने शव का पोस्टमाॅर्टम कराया है।। पुलिस ने राइफल भी जब्त कर ली है। जनकगंज के गोल पहाड़िया स्थित शंकर कॉलोनी निवासी मदन लाल (72) पुत्र नारायण प्रताप शर्मा पेशे से किसान थे। परिवार में तीन बेटे हैं। रविवार शाम उनके बेटे दाल टिक्कर की पार्टी करने के लिए गिरवाई किसी रिश्तेदार के घर गए थे।
रात करीब 11 बजे दूसरी मंजिल की छत पर मदन लाल पहुंचे। कुछ देर बाद छत से गोली चलने की आवाज आई। आवाज सुनते ही अन्य परिजन वहां पहुंचे। देखा कि मदन लाल छत पर खून से सने पड़े थे। पास ही उनकी 12 बोर की बंदूक पड़ी थी। घायल को परिजन JAH (जयारोग्य अस्पताल) लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से घटना की सूचना जनकगंज थाना पुलिस को दी गई। TI जनकगंज थाना संजीव नयन शर्मा खुद टीम के साथ रात को अस्पताल पहुंचे। यहां से बॉडी को निगरानी में लेकर डेड हाउस में रखवाया।
सोमवार सुबह शव का पोस्टमाॅर्टम कराया गया है। परिजन ने पुलिस को बताया कि कुछ समय से मदनलाल डिप्रेशन में थे। 3 साल पहले बड़ा बेटा कैंसर से खत्म हो गया था। जिसका उनको बहुत दुख था। बेटे की मौत के बाद से ही व्यवहार में चिड़चिड़ापन आ गया था। बुजुर्ग कुछ समय से तनाव में थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जनता कर्फ्यू के चलते वह घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहा था। इस कारण तनाव बढ़ गया। ऐसा भी पता लगा है कि मृतक अपनी 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक हमेशा अपने पास ही रखकर सोते थे।
पुलिस ने मृतक के परिजन से खुदकुशी का कारण पूछा तो कोई कुछ नहीं बता पा रहा है। मृतक बीमार भी नहीं था। पुलिस को आशंका है कि घर में झगड़ा या किसी क्लेश के चलते यह कदम उठाया हो। बेटों ने इससे इनकार किया है।