फेफड़े और गले के इन्फेक्शन का घरेलू इलाज - HOME REMEDIES FOR OXYGEN AND INFECTION

Bhopal Samachar

HOME REMEDIES FOR OXYGEN AND LUNGS INFECTION

आयुर्वेदिक डॉक्टर अनिल दुबे का कहना है कि लंग्स को मजबूत करने के लिए थोड़ी सी मुलेठी, 1-2 काली मिर्च, 1-2 लौंग को सेंक कर और 4-5 तुलसी के पत्ते, थोड़ी सी मिश्री और थोड़ी सी दालचीनी लेकर मुंह में डालकर धीरे-धीरे चबा लें। अस्थमा के मरीजों के लिए यह देसी दवा काफी लाभदायक बताई जाती है। फेफड़ों के इन्फेक्शन को खत्म करती है और इससे ऑक्सीजन लेवल इंक्रीज होता है। अस्थमा के मरीज इसे प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करते हैं। यदि सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलती है तो 1 सप्ताह का डोज लिया जा सकता है।

मुलेठी की विशेष बातें एवं औषधीय गुण

औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी में विटामिन बी, ई के साथ-साथ फास्फोरस, कैल्शियम, कोलीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सिलिकॉन, प्रोटीन, ग्लिसराइजिक एसिड के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक गुण पाए जाते हैं। जो सर्दी-जुकाम, बुखार के साथ-साथ फेफड़ों को मजबूत रखने में मदद करती है। मुलेठी का सेवन 3-5 ग्राम ही पाउडर के रूप में करना चाहिए। आपको बता दें कि मुलेठी की तासीर ठंडी होती है। 

तुलसी के पत्तों की विशेष बातें एवं औषधीय गुण

तुलसी के पत्ते में बहुत मात्रा में पोटैशियम, आयरन, क्लोरोफिल  मैग्नीशियम, कैरीटीन और विटामिन-सी पाया जाता है जो फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद करता है। रोजाना सुबह 4-5 तुलसी की पत्तियों का सेवन करें। ध्यान रखें, यदि आपके दांत मजबूत नहीं है तो तुलसी के पत्तों को दांतो से ना चबाएं। दातों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

लौंग की विशेष बातें एवं औषधीय गुण

लौंग कई गुणों से भरपूर होती है। लौंग में युजिनॉल नामक तत्व पाया जाता है, जिसके कारण स्ट्रेस, पेट संबंधी समस्या, पार्किसंस, बदनदर्द जैसी समस्याओं से लाभ मिलता है। लौंग में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल गुणों के अलावा विटामिन ई, विटामिन सी, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन ए, थायमिन और विटामिन डी, ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। हार्ट, फेफड़े, लिवर आदि को मजबूत करने के साथ पाचन तंत्र को दूरस्त रखने में मदद करता है। 

दालचीनी की विशेष बातें एवं औषधीय गुण

फेफड़ों को मजबूत करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी स्वाद में थोड़ी मीठी और तीखी होती है। दालचीनी में भरपूर मात्रा में थाइमीन, फॉस्फोरस, प्रोटीन, सोडियम, विटामिन, कैल्शियम, मैंग्नीज, पोटेशियम, निआसीन, कार्बोहाइडे्ट आदि पाया जाता है। इसके अलावा यह एंटी-ऑक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत माना जाता है जो आपके फेफड़ों को हेल्दी रखने के साथ हार्ट को भी मजबूत रखते हैं। 

काली मिर्च की विशेष बातें एवं औषधीय गुण 

काली मिर्च में मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च मुख्य रूप से गले के इन्फेक्शन को खत्म करती है। काली मिर्च में निहित पिपेरीने नामक एक यौगिक विटामिन ए और विटामिन सी, सेलेनियम, बीटा कैरोटीन जैसे अन्य पोषक तत्वों की जैव-उपलब्धता (bioavailability) को बढ़ाता है, जिससे आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार आता है। 

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