घरों में बिजली का करंट दौड़ता ही रहता है। लोग हर तरह की तैयारियां करके रखते हैं लेकिन फिर भी कभी-कभी करंट लग ही जाता है। सवाल यह है कि जब किसी को करंट लग जाए तो उसे कौन सी दवाई देनी चाहिए।
घरों में ज्यादातर करंट लगने की घटनाएं जानलेवा नहीं होती लेकिन जिसे करंट लगता है उसमें घबराहट की शिकायत सबसे पहले होती है। भारत में स्पर्श चिकित्सा पद्धति, घबराहट का सबसे अच्छा इलाज है। पीड़ित व्यक्ति को खुली हवा में लिटा दें और उसके सर, छाती एवं पीठ को हाथ से हल्की मालिश करें। कुछ ही देर में आराम मिल जाएगा। करंट के कारण चोट लग गई है तो उसकी दवाई एवं उपचार वही होता है जो आग से जलने के लिए किया जाता है। करंट की स्थिति में किसी भी दवाई से ज्यादा एक्यूप्रेशर एवं एक्यूपंचर काम आता है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल के अनुसार यदि बिजली का तेज करंट लगा है और पीड़ित के शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही है, मृत्यु होने जैसा लग रहा है तो पीड़ित को कार्डियोप्लमनरी रिससिटेशन (CPR) की पारंपरिक तकनीक का 1प्रयोग करके 10 मिनट में होश में लाया जा सकता है। इसमें पीड़ित का दिल प्रति मिनट 100 बार दबाया जाता है।
बिजली का तेज करंट लगने पर मनुष्य की क्लिनिकल डेथ अधिकतम 5 मिनट में हो जाती है। इतने कम समय में उसे अस्पताल लाना और उपचार करना संभव नहीं होता। इसलिए यदि उसके शरीर में हलचल बंद हो गई है तो उसकी छाती पर हाथ से धक्का देकर उसकी धड़कन वापस लाई जा सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया वही व्यक्ति कर सकता है जिसने किसी विशेषज्ञ डॉक्टर के गाइडेंस में प्रशिक्षण लिया हो।