इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले छानबीन के लिए सूरत गई विजय नगर पुलिस ने फार्म हाउस से नकली इंजेक्शन बनाने में उपयोग ग्लूकोज और नमक जब्त किया है। आरोपियों की निशानदेही पर कुछ फूटे हुए इंजेक्शन भी मिले हैं।
आरोपियों ने महज 5 दिनों में इन नकली इंजेक्शन से 1 करोड़ 85 लाख रुपए कमाए थे। फार्म से कौशल वोरा द्वारा एग्रीमेंट व अन्य दस्तावेज भी जब्त हुए हैं। आरोपी कौशल वोरा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि नकली इंजेक्शन बेचकर सभी आरोपियों ने 5 दिन में करीब 1 करोड़ 85 लाख के रुपए कमाए थे। पूरी रकम कौशल के घर पर ही रखी थी। इतना अधिक रुपया होने के कारण कोशल को दो दिनों तक नींद नहीं आई थी।
बताया जा रहा है, आरोपी कौशल वोरा सूरत में मास्क और ग्लव्ज का कारोबार करता है। अपने पार्टनर पुनीत शाह के साथ मिलकर उसने एक लाख नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन देश में खपाए हैं। इंदौर, जबलपुर में गिरोह ने 1200 के करीब इंजेक्शन खपाए थे, जिसमें से 700 इंदौर और 500 जबलपुर में यह इंजेक्शन खपाए। 700 में अभी 660 इंजेक्शन का हिसाब तो पुलिस को मिल गया, लेकिन अभी 40 इंजेक्शन की छानबीन जारी है।
आरोपियों ने सूरत के शासक मुंबई में भी इंजेक्शन तैयार करना शुरू कर दिए थे। जब रुपयों की जरूरत होती थी, तो वह मुंबई स्थित फ्लैट में भी इंजेक्शन तैयार कर उन्हें भेज दिया करते थे। आरोपी अपनी गाड़ी के अंदर भी एक शीशी पैक करने वाली मशीन को रखा करते थे। इससे जब भी जरूरत हो तो वह तुरंत ब्लू कोरोना वायरस रन बनाकर उसे सील पैक कर जरूरतमंद को दे देते थे ।