इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना मरीजों के नाम पर निजी अस्पतालों की मनमानी पर प्रशासन ने नकेल कसी है। इसके लिए नई गाइडलाइन तय कर 100 निजी अस्पतालों में इलाज की दरें निर्धारित कर दी हैँ। इसमें छोटे और बड़े निजी अस्पताल शामिल हैँ।
आए दिन मरीजों के परिजनों से शिकायतें मिलती हैं कि अस्पतालों द्वारा अनाप-शनाप बिल बनाए जा रहे हैं, जबकि पूर्व में प्रशासन के साथ मीटिंग में अस्पताल संचालकों को हिदायत दी गई थी कि वह अधिक बिल ना बनाएं। बावजूद अस्पतालों द्वारा लूट की जा रही है। इसके मद्देनजर कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पतालों के लिए अधिकतम दरें तय कर दी हैं।
कलेक्टर ने तय किया है कि कोई भी अस्पताल सामान्य दिनों के निर्धारित रेट से अधिकतम 40% राशि ज्यादा ले सकेगा। उदाहरण के लिए 1000 रुपए प्रतिदिन बेड का चार्ज है, तो कोरोना काल में 1400 रुपए से अधिक नहीं होगा। इसी तरह, पीपीई किट से लेकर डॉक्टरों की विजिटिंग फीस और पैथोलॉजी जांच समेत अन्य दरें भी तय कर दी हैं।
अब प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों से अधिक चार्ज लिया गया, तो कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम सीमा में स्थित अस्पतालों के बिलों की शिकायतों की जांच का जिम्मा अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा को सौंपा गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की बिल संबंधी शिकायतों की जांच राजेश राठौर करेंगे। ये अधिकारी 48 घंटे के भीतर बिलों की जांच पूरी करवाएंगे।