इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की मीटिंग ले जाने के बाद इंदौर में धारा 144 के तहत कुछ इस तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं कि इसे टोटल लॉकडाउन कहा जा सकता है। राशन, फल और सब्जी की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये प्रतिबंध 28 मई तक के लिए प्रभावी किए गए हैं ताकि संक्रमण की दर को कम किया जा सके।
इंदौर की पीठ थपथपाते हुए कान मरोड़ गए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रेस को भेजी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संभाग के सभी जिलों में कोरोना नियंत्रण के लिये किये जा रहे प्रयासों एवं प्रबंधन पर संतोष जताया। उन्होंने इन्दौर संभाग विशेषकर इन्दौर जिले में हो रहे कार्यों और नवाचारों को अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि इन्दौर में जिस विपरीत तथा चुनौतीपूर्ण स्थिति में कार्य किये गये, वह सराहनीय है। यहाँ एकजुटता से प्रयास हो रहे हैं। अगर इसी तरह से एकजुटता से संकल्पबद्ध कार्य होते रहे तो निश्चित ही कोरोना की जंग शीघ्र जीतेंगे। उन्होंने कहा कि इन्दौर संभाग एवं इंदौर जिला कोरोना नियंत्रण एवं प्रबंधन के क्षेत्र के प्रदेश में अग्रणी भूमिका निभायेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इन्दौर दूसरे चरण में भी कोरोना की जंग जीतने वाला प्रदेश का पहला जिला एवं संभाग बनेगा।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में कोरोनावायरस की दूसरी लहर का तांडव सबसे ज्यादा दिखाई दिया है। आज भी जब पूरे प्रदेश में संक्रमित नागरिकों की संख्या तेजी से कम हो रही है, इंदौर में 1000 से ज्यादा बनी हुई है। मृतकों की संख्या के मामले में भी इंदौर किसी भी दूसरे जिले से बहुत अधिक है। जबकि मुख्यमंत्री हैं तारीफ करते हुए आशा जताई है कि कोरोना की जंग जीतने वाला प्रदेश का पहला जिला इंदौर बनेगा। इन शब्दों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने न केवल इंदौर कलेक्टर बल्कि प्रभारी मंत्री और संक्रमण की रोकथाम में लगे तमाम वरिष्ठ अधिकारियों एवं नेताओं का कान मरोड़ दिया है।