जबलपुर। 22 अप्रैल को गैलेक्सी हॉस्पिटल में 5 आम आदमियों की मौत के मामले में 22 दिन तक रसूखदार डायरेक्टर को बचाने की कोशिश चलती रही और अंततः वही हुआ जिसकी उम्मीद थी। FIR दर्ज की गई लेकिन आरोपियों में डायरेक्टर का नाम नहीं है। याद दिलाना जरूरी है कि गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन कांड के बाद रेड क्रॉस सोसाइटी को 2500000 रुपए का डोनेशन मिला है। यह बताने की जरूरत नहीं कि रेड क्रॉस सोसाइटी का पदेन अध्यक्ष कलेक्टर होता है।
कमलनाथ और विवेक तन्खा भी डायरेक्टर के खिलाफ FIR नहीं करवा पाए
जबलपुर की लार्डगंज पुलिस के मुताबिक प्रकरण में गैलेक्सी अस्पताल के मैनेजर संदीप और ऑक्सीजन सप्लाई ऑपरेटर के खिलाफ धारा 304, 285, 287 का केस दर्ज किया गया है। दोनों नामजद आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है। उल्लेखनीय है कि पूर्व सीएम कमलनाथ, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित अन्य ने इस मामले में सवाल उठाए थे। मध्य प्रदेश के पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इस तरह के मामलों में डायरेक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की जाती रही हैं।
23 अप्रैल को 5 मरीजों की मौत हो गई थी
गैलेक्सी अस्पताल में पांच मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत मामले में 23 अप्रैल को परिजनों ने हंगामा किया था। मामले में कांग्रेस विधायकों ने भी हंगामा कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने मामले में संयुक्त कलेक्टर शाहिद खान को जांच अधिकारी नियुक्त किया। 24 घंटे में प्रतिवेदन पेश करने का निर्देश दिया।
FIR दर्ज करने में पुलिस को पांच दिन लग गए
गैलेक्सी हॉस्पिटल के प्रबंधन में कई रसूखदार शामिल हैं। उनके प्रभाव में जांच अटकी रही। दबाव बढ़ने और सीएम के आगमन से पहले 17वें दिन 10 मई की रात में जांच प्रतिवेदन पेश किया गया। सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुररिया ने जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए, लेकिन पांच दिन बाद एफआईआर दर्ज हुई।