जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में शादी के चार दिन बाद 22 वर्षीय युवक की सनसनीखेज हत्या का खितौला पुलिस ने 24 घंटे के अंदर खुलासा कर लिया। दरअसल युवक के दोस्त ने तीन दिन पहले बरेला निवासी 19 वर्षीय युवती को भगा ले गया है। युवती के दो सगे भाईयों, चचेरे व ममेरे भाईयों को संदेह था कि युवक ने अपने दोस्त की मदद की है और इसे उनके बारे में पता होगा। इसी संदेह में चारों ने उसे बुलाकर अपने साथ ले गए और मारपीट कर पूछताछ के दौरान मार डाला था। खितौला पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए वारदात में प्रयुक्त बाइक व चाकू जब्त कर लिए हैं।
खितौला निवासी जगाेतिन मसराम ने बताया कि 25 मई को बघेली सिहोरा निवासी बसंत कुमार चौधरी की सूचना पर सिमरिया रोड किनारे उड़द के खेत में युवक का शव बरामद किया था। बसंत कुमार चौधरी ने बताया था कि यह उसका दूसरे नंबर का बेटा अजीत कुमार चौधरी (22) है। इसकी शादी 21 मई को हुई थी। दोपहर में खाना खाकर वह गांव में कुछ दोस्तों से मिलने निकला था।
तीन बजे पिता को पता चला कि अजीत 15 किमी दूर शिवकुमार दाहिया के उड़द वाले खेत में पड़ा है। उसके दाहिने जांघ में चाकू के निशान भी मिले थे। बुधवार को शव का पीएम कराया गया। रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मारपीट के कारण सिर में अंदरूनी चोट आने से मौत होना बताया गया। प्रकरण में हत्या का प्रकरण दर्ज कर खितौला पुलिस ने मामला जांच में लिया था।
खितौला टीआई के मुताबिक प्रारंभिक छानबी में पता चला कि आखिरी बार अजीत को गांव के अंगद, विनोद व आनंद यादव के साथ गांव के तालाब के पास बैठे देखा गया था। उक्त तीनों युवकों ने पुलिस को बताया कि मंगलवार दोपहर 12.30 बजे बघेली निवासी अभिषेक यादव का फोन अजीत के पास आया था। थोड़ी देर बाद बाइक से दो लोग अभिषेक यादव के साथ आए तो वह मिलने चला गया। अभिषेक यादव उक्त दोनों युवकों के साथ उनकी बाइक से चला गया। जबकि अभिषेक पैदल वहां से चला गया।
बघेली निवासी अभिषेक यादव को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो बताया कि कटियाघाट बरेला निवासी उसके जीजा का छोटा भाई रमन यादव चचेरे भाई प्रदीप के साथ उसके घर आया था। रमन ने ही अजीत से मिलने की बात कहने पर तालाब के पास ले गया था। वहां रमन व प्रदीप, अजीत चौधरी से बात करने लगे। उसी समय वहां बाइक से कालीचरण यादव (रमन का बड़ा भाई), ममेरे भाई चिंटू यादव के साथ पहुंचे थे। रमन ने उसे घर जाने को कहा तो वह अपने घर चला गया। दो पुलिस टीमों ने एक साथ दबिश देकर चारों को दबोच लिया। चारों ने हत्या की बात स्वीकार की। बताया कि बघेली निवासी अर्जुन यादव का अजीत दोस्त था। दोनों कटियाघाट में साथ आते-जाते थे। तीन दिन पहले रमन यादव की 19 वर्षीय बहन को अर्जुन यादव भगा ले गया था। उन्हें संदेह था कि अजीत ने मदद की होगी और उसे उनके बारे में पता होगा।
दरअसल चारों अर्जुन की हत्या की नीयत से बघेली गांव पहुंचे थे। वहां अर्जुन नहीं मिला। उसी गांव में अभिषेक रिश्ते में उनका साला लगता था। उसके माध्यम से अर्जुन व अजीत के बारे में पता किया। अजीत से बात हुई तो उसने गांव के तालाब के पास बुलाया। रमन ने अजीत को सिहोरा चलने को कहा और अपनी बाइक से बिठाकर ले गए। आलासूर व सिमरिया गांव के बीच सुनसान देखकर चारों ने बाइक रोकी। अजीत से अर्जुन के बारे में पूछा। इनकार करने पर गुस्से पर उसे उठाकर सिर के बल रोड पर पटक दिया। वह छटपटाने लगा तो कालीचरण, प्रदीप व चिंटू ने उसे पकड़ लिया और रमन ने चाकू से उसकी जांघ पर दो वार किए। इसके बाद चारों उसे उड़द के खेत में फेंक कर भाग गए। चारों अपने घर कटियाघाट पहंचे। वहां चिंटू को चाकू देकर कालीचरण, रमन व प्रदीप बरगी भाग गए थे।