जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कोरोना संक्रमित मरीज के उपचार में निर्धारित शुल्क से ज्यादा रकम लेने के आरोप से घिरे सेंट्रल किडनी अस्पताल की कोविड-19 मान्यता स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किडनी अस्पताल मेंं कोरोना के नए मरीज भर्ती नहीं किए जा सकेंगे। वर्तमान में भर्ती कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार व उनसे निर्धारित दर पर शुल्क लेने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. कुरारिया ने यह निर्देश भी जारी किया है कि कोरोना संक्रमित जिन मरीजों के उपचार में निर्धारित दर से ज्यादा रकम ली जा चुकी है उसे मरीजों अथवा स्वजन को लौटाया जाए। निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। इधर, किडनी अस्पताल में कोरोना का उपचार करवा चुके लोग अथवा इलाज के दौरान जान गवां चुके मरीजों के स्वजन ज्यादा बिल वसूली को लेकर अस्पताल के खिलाफ शिकायत करने लगे हैं।
भूरी गांव दमोह निवासी सौरभ साहू ने स्पेशल टास्क फोर्स के एसपी से किडनी अस्पताल प्रबंधन की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने शिकायत में कहा कि कोरोना के उपचार के लिए स्वजन ने उन्हें किडनी अस्पताल में भर्ती कराया था। 26 अप्रैल से 13 मई यानि 17 दिन का उपचार खर्च उनसे साढ़े छह लाख रुपये वसूला गया। एक लाख 90 हजार रुपये दवा का खर्च अलग से लिया गया चार लाख 90 हजार रुपये जमा कर चुका है। शेष राशि जमा करने की उसकी हैसियत नहीं है। सौरभ ने कहा कि उसके पास आयुष्मान योजना का कार्ड है परंतु अस्पताल संचालक कार्ड पर उपचार सुविधा नहीं दिए।