झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ शहर की प्रोफेसर्स कॉलोनी में रहने वाले पीजी कॉलेज के प्रोफेसर गोपाल भूरिया के 19 साल के बेटे स्वप्निल की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। घर के बेडरूम में वो परिवार वालों को बेसुध हालत में मिला। उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना शुक्रवार देर रात की है। पुलिस को कमरे से आधी टूटी हुई सुई और इंजेक्शन मिले हैं।
आशंका है नशे के ओवरडोज से युवक की मौत हुई। पड़ोसियों ने बताया, गोपाल भूरिया का अपने गांव तलावली में मकान का भूमिपूजन था। पति-पत्नी वहां गए थे। बेटा साथ नहीं गया था। परिजन के मुताबिक उसने कहा था, पेट में दर्द हो रहा है, इसलिए वो नहीं जा पाएगा। बात शुक्रवार की है। शाम के करीब भूरिया ने बेटे को फोन लगाया तो उसने नहीं उठाया।
बार-बार कॉल करने के बावजूद ऐसा हुआ तो पास में रहने वाले प्रोफेसर परमार से कहा, देखकर आईए, क्या हुआ। परमार उनके घर गए तो वहां एक और युवक था। उसने बताया, स्वप्न्लि सो रहा है। परमार ने गोपाल भूरिया को फोन करके ये बता दिया। नशे के ओवरडोज के कारण संदिग्ध रूप से युवकों की अचानक मौत की ये 21 महीने में शहर में तीसरी घटना है। इसके पहले 8 मार्च को भी शहर के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
30 अगस्त 2019 को गोपालपुरा हवाई पट्टी पर बंद कार में 25 साल का युवक बेसुध मिला था। नशे के ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा दो स्कूली छात्रों की हत्या नशे की लत के कारण हो चुकी है। 5 दिसंबर 2016 को मिशन स्कूल के छात्र राधुसिंह की हत्या नशेड़ियों ने कर दी थी।
पड़ोसियों ने घर में माैजूद दूसरे युवक काे घर से बाहर जाते हुए देखा। वो बाहर से दरवाजा लगाकर चला गया। रात लगभग 10 बजे भी जब स्वप्निल ने फोन नहीं उठाया तो गोपाल भूरिया ने फिर से प्रोफेसर परमार से जाकर देखने को कहा। उन्होंने जाकर देखा तो दरवाजा बाहर से बंद था और अंदर से खुला था। धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। अंदर जाकर देखा तो कमरे में स्वप्निल बेसुध पड़ा था। परमार ने आसपास से ओर लोगों को बुलाया, चेहरे पर पानी छींटा गया, लेकिन वो नहीं उठा। कुछ देर में गोपाल भूरिया भी पहुंच गए। स्वप्निल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बताया जाता है, स्वप्निल के दोनों हाथाें में इंजेक्शन के निशान थे। शनिवार सुबह अंतिम संस्कार तलावली में किया गया।