What is Multisystem Inflammatory Syndrome in Children
Multisystem inflammatory syndrome or Mysterious Inflammatory syndrome जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, मल्टीसिस्टम- यानी यह शरीर के बहुत से सिस्टम्स को एकसाथ प्रभावित करता है। Inflammatary का मतलब है, सूजन संबंधी रोग (Caustic) और सिंड्रोम मतलब रोगों के अनेक लक्षणों रोगों के अनेक लक्षणों का समावेश। कुल मिलाकर एक ऐसी स्थिति जब शरीर के बहुत सारे Organs एक साथ प्रभावित हो जाएं। यह बच्चों और बड़ों दोनों में ही पाया जाता है। बच्चों में इसे MIS-C और बड़ों MIS-A कहा जाता है।
MIS-C और कवासकी डिसीज / MIS-C and Kawaski Disease
Multisystem inflammatory disease जापान में 1967 में रिपोर्ट होने वाली कवासकी डिसीस (KD) से समानता रखती है। यह बीमारी जापान में 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों में पाई गई थी जो एक प्रकार की febrill illness है। जिसमें fever, rashes on skin, hemorrhages, jaundice,typhoid जैसे कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इसी प्रकार Multisystem Inflammatory Syndrome में heart , lungs, Kidneys, brain, eyes ,skin, gastrointestinal organs आदि प्रभावित होते हैं।
Multisystem Inflammatory Syndrome के लक्षण
• फीवर
• पेट में दर्द
• गले में दर्द
• skin पर rashes
• उल्टी डायरिया
• त्वचा का नीला पढ़ना
• नाखूनों का नीला पढ़ना
• blood shot Eyes
• अतिरिक्त थकान महसूस होना
MIS-C से बचने के उपाय / preventive measures
• कोविड-19 से बचने के लिए जो उपाय हैं वे सभी उपाय अपनाना चाहिए।
• शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के बदलाव को लेकर हमेशा अलर्ट रहें।
• बॉडी टेंपरेचर को समय-समय पर चेक करते रहें।
क्योंकि फीवर आना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि यह संकेत होता है कि आपकी बॉडी में कुछ गड़बड़ हो रही है इसलिए उसे ignore न करें।
डॉक्टर और विशेषज्ञों ने क्या कहा
• Doctor Sanjeev Jain , pediatrician and president Yavatman chapter of India Medical Association (IMA) ने बताया कि कोविड-19 पॉजिटिव फैमिलीज के बच्चों, MIS-C कोविड-19 एंटीबॉडीज बना सकता है।
• डॉ विपिन जैन (बाल रोग विशेषज्ञ, pediatrician) के अनुसार यदि covid-19 test report negative है और यदि फिर भी सिम्टम्स दिखाई दे रहे हैं तो यह MIS-C हो सकता है।
• डॉ योगेश कुमार (फोर्टिस हेल्थकेयर, बाल रोग विशेषज्ञ) का कहना है कि यह संक्रमण कोरोना होने के 4 से 6 हफ्ते बाद होता है। MIS-C कोरोना से लड़ने के लिए शरीर में बने एंटीजन से प्रतिक्रिया का नतीजा है।
• डॉक्टर गिरधर आर बाबू का कहना है कि MIS-C के अध्ययन के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और अभी इसकी गहन जांच की आवश्यकता है।
बच्चों में MIS-C के केस बढ़े हैं
नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजीत कुमार ने बताया, "जैसे-जैसे लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं, बच्चों में MIS-C के केस बढ़े हैं। ये मुख्यत: कोरोना संक्रमण के बाद की परिस्थिति है। हालांकि, बच्चों में एमआईएस अभी रेयर है लेकिन जिन बच्चों को ये हो रहा है, उसकी वजह का अब तक पता नहीं लगाया जा सका है। चूंकि इस बार की लहर में कोरोना संक्रमण का घनत्व काफ़ी ज़्यादा रहा, इसलिए बच्चों के मामले भी काफ़ी संख्या में आये हैं।