मुरैना। चंबल के मुख्यालय में मुरैना में जातिवाद को लेकर भारी हिंसक उत्पात हुआ है। करीब 90 लड़कों ने दो घरों को घेर कर पथराव किया, सड़क पर खड़ी गाड़ियां तोड़ दी और फायरिंग भी की। हमलावरों का कहना है कि इसके पीछे एक विधायक और पुलिस का संरक्षण है। यदि पुलिस विधायक के दबाव में ना आती और नियमानुसार कार्यवाही करती तो यह हिंसा नहीं होती।
मामला सोशल मीडिया से शुरू हुआ। राजा अन्ना गुर्जर के खिलाफ 4 मई को पार्षद भूपेन्द्र 'मिंटू' सिकरवार उनके साथी अजय सिकरवार, जितेन्द्र तोमर व आकाश सिंह ने कोतवाली आकर टीआइ आरती चराटे से शिकायत की थी। बताया था कि अन्ना गुर्जर छत्रिय समाज के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट एवं कमेंट कर रहा है। पुलिस ने 4 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। पार्षद मिंटू सिकरवार का कहना है कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई ना होने के कारण राजा अन्ना गुर्जर की हिम्मत बढ़ गई और वह और ज्यादा आपत्तिजनक पोस्ट करने लगा।
बकौल पार्षद मिंटू उन्होंने शुक्रवार को ही पूरे मामले के बारे में कोतवाली टीआई चराटे को बता दिया था, लेकिन टीआई चराटे बार-बार राजा अन्ना पर FIR का झूठ बोलती रहीं। पूर्व पार्षद का आरोप है कि राजा अन्ना मुरैना विधायक राकेश मावई का रिश्तेदार है, इसलिए कोतवाली टीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की और विवाद को इतना बढ़वा दिया।
वीणा बंटी पुत्र पुरुषोत्तम गुर्जर एवं विनोद पुत्र सौरभ सिंह गुर्जर को बेरहमी से पीटा। करीब आधे घंटे तक हिंसा चलती रही। उत्पाती युवकों ने सड़क पर खड़ी गाड़ियां तोड़ दी। लोगों का कहना है कि करीब 12 राउंड फायर किए गए। लोगों का कहना है कि कम से कम 3 लोगों के पास देसी पिस्तौल थी।
इनका कहना है
फेसबुक व वाट्सअप पर कमेंट व पोस्ट को लेकर यह विवाद हुआ है। कुछ युवाओं की भीड़ ने दो घरों हमला किया है, लेकिन गोलियां चलने और घर में लूट होने की बात सही नहीं। यह तो मुरैना में चलन है कि विवाद में लूट की शिकायत करते हैं। हमने इस मामले में FIR कर ली है और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
आरती चराटे, टीआइ, कोतवाली।