शक्ति रावत। महाभारत की सबसे चर्चित कथा यकीनन आपने भी सुनी होगी। एक बार कौरवों और पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य ने एक पेड़ की डाल पर लक्ष्य साधने के लिए मिट्टी का तोता रस्सी के सहारे टांगा और तोते की आंख पर निशाना साधने को कहा, गुरू ने बारी-बारी सभी बच्चों से पूछा की निशाना साधते समय तुम्हें क्या दिख रहा है। सबने अलग जबाव दिये, केवल अर्जुन अकेला था, जिसने कहा कि, मुझे सिर्फ तोते की आंख दिख रही है, और कुछ भी नहीं। जीवन के गोल यानि लक्ष्यों को लेकर यह कथा बड़े काम की है।
PERSONAL GOAL MANAGEMENT PLAN
दुनिया में तीन तरह के लोग पहले जिन्हें जिंदगी का लक्ष्य यानि गोल पता नहीं, दूसरे जिन्हें पता तो है, लेकिन हासिल कैसे करना है, पता नहीं और तीसरे जिन्हें पता भी है, और हासिल करने का तरीका भी जानते हैं। हालांकि दुनिया में लाइफ के गोल अचीव करने को लेकर 95 फीसदी लोग हमेशा गफलत में रहते हैं। इसलिये आज बात करते हैं, गोल मैनेजमेंट की।
1- डेली टारगेट से शुरूआत-
जिस तरह से कोई बिना पहली सीढ़ी चढ़े सीधे छत पर नहीं जा सकता, वैसे ही छोटे कामों का प्रबंधन किये बिना, जीवन में कोई बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता। पहली सीढ़ी है, डेली टारगेट। शुरूआत यहीं से कीजिये। सबसे पहले हर दिन के लिए एक छोटा गोल यानि लक्ष्य बनाईये वह कोई भी काम हो सकता है। उसे तय कीजिये और हर हाल में दिन खत्म होने के पहले उसे पूरा कर दीजिये। यहां से नींव पड़ेगी।
2-वीकली टारगेट-
जब दिन के काम व्यवस्थित हों और आत्मविश्वास आ जाए, तब सप्ताह के लिए किसी एक काम का टारगेट बनाईये। कोई एक बड़ा काम डायरी में लिखकर सप्ताह के लिए तय कीजिये। जिसे सप्ताह पूरा होते-होते हर हाल में खत्म कर देना है। इसको आपने आदत में शामिल किया, तो महीने में आपके चार काम पूरे होंगे। यानि एक महीने में चार गोल आप अचीव कर सकते हैं।
3- मंथली टारगेट-
डेली और वीकली टारगेट पर काम करके आपने आत्मविश्वास के साथ ही, गोल अचीव करने का या उसके प्रबंधन का तरीका सीख लिया है। इसलिये अब बड़े कामों के लिए आगे बढ़ा जा सकता है। आपके कुछ लक्ष्य ऐसे होंगे, जो एक दिन या सप्ताह में पूरे नहीं हो सकते या फिर वे आपकी किसी बड़ी योजना का हिस्सा हो सकते हैं। ऐसे में इन बड़े कामों को टुकड़ों में बांट लिया जाता है, और महीने के हिसाब से लक्ष्य तय किया जाता है। आप हर महीने में किसी लक्ष्य या योजना से जुड़ा कितना काम निपटाना है, इसकी रणनीति बनाकर गोल को आसान कर सकते हैं। साथ ही हर महीने काम पूरा होने से संतुष्टि भी मिलेगी।
4- ईयरली टारगेट-
इसके तहत जीवन के बड़े लक्ष्य और योजनाएं आते हैं, जिन्हें पूरा होने में कुछ सालों का समय लगता है, जैसे अपना विजनेस, जॉब, सेटल होना, मकान, गाड़ी आदि। आज से 5 साल बाद आप खुद को कहां देखना चाहेंगे। इस सवाल के जबाब से आपका गोल तय होता है। इसके लिए आपको हर साल के हिसाब से योजना बनानी होगी, और साल-दर साल इसे पूरा करते चलना होगा। तब एक दिन आप पाएंगे। कि ये छोटी-छोटी ईटें मिलकर आपकी सफलता की इमारत खड़ी हो गई है। लेकिन ईमानदारी से योजना बनाना और उस पर मेहनत और नियमित समीक्षा जरूरी है। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं।