शक्ति रावत। कोरोना इस समय इंसान के लिए सदी की सबसे बड़ी चुनौती है, और एक ऐसी समस्या जिसका असर आने वाले कई सालों तक रहेगा। ऐसे में दूसरी मुश्किलों के साथ ही लोगों के सामने सबसे बड़ी उलझन मानसिक स्वास्थ्य को बनाये रखने की भी है। अपने कामधंधों और रूटीन लाइफ से दूर महीनों से घरों में महामारी के खौफ से कैद सभी उम्र के लोगों की मन और दिमाग पर इस परिस्थिति का बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
भारत जैसे देश के लिए परेशानी इसलिये गंभीर है, क्योंकि यहां पहले से ही 50 प्रतिशत आबादी किसी ना किसी मानसिक समस्या की शिकार थी। लोग अवसाद, निराशा और तनाव जैसी समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। लिहाजा ऐसे हालात में मानसिक सेहत को दुरूस्थ और मजबूत रखना बहुत जरूरी हो गया है।
1-बच्चों के लिए-
लगातार स्क्रीन के सामने ना रहने दें, हर समय टोकाटाकी ना करें, इस समय उन्हें डांटने या ताने सुनाने से बचें। उनसे बातचीत करते रहें। घर के छोटे-मोटे कामों में मदद लेते रहें। टीनएजर्स बच्चों को थोड़ा स्पेस दें। उन्हें क्रियेटिव कामों के लिए प्रेरित करने की कोशिश करें। दोस्तों से फोन पर बातचीत करने को कहें। थोड़ा बहुत हंसी मजाक करते रहें। उनका हौसला बढ़ाएं। उनको समझायें की हालात स्थायी नहीं है, कुछ समय में सबकुछ ठीक होगा, और वे पहले जैसी जिंदगी जी पांएगे। हो सके तो उन्हें घर में हो सकने वाली फिजीकल एक्टिविटी से जोड़ें। बच्चों पर महामारी से उपजे तनाव का सबसे ज्यादा असर है। उन्हें इमोशनल सर्पोट दें।
2-बड़ों के लिए-
घर पर रहते हुए रूटीन ना बिगाड़े, दिमाग को प्रतिदिन व्यायाम कराएं, जैसे चीजों को गौर से देखना-समझना, सामान्य हिसाब बिना मोबाइल की मदद से करना, क्रास वर्ड भरना, पुरानी चीजों को दिमाग पर जोर देकर याद करना। नींद पूरी लें, सुबह समय पर उठें। पानी खूब पियें। न्यूज और सोशल मीडिया की जगह कॉमेडी शोज या मनपंसद मनोरजंक या फिर मोटीवेट करने वाली फिल्में देखें। मेडीटेशन, प्राणायम का सहारा लें, नहीं आता तो गहरी सांस लेने की आदत डालें, गानें गुनगुनाएं या संगीत सुने। लंबे समय से घरों में रहने के कारण बोरियत स्वाभिक है, इसलिये हर दिन के रूटीन में कुछ नयापन लाने की कोशिश करें।
3-बुर्जुगों के लिए
सुबह-शाम घर के अंदर या अपने कमरे में ही दस-दस मिनिट वॉक करें। परिवार के लोगों से बातचीत करते रहें। अपने हमउम्र मित्रों से भी फोन पर संपर्क में बने रहें। अगर घर पर बिल्कुल अकेले हैं, तो संगीत से जुड़े, एल्बम आदि से पुरानी यादें ताजा करें। किताबें पढ़ें। खुद को व्यस्त रखने की कोशिश करें। देर रात तक जागने से बचें। अगर संयुक्त परिवार में हैं, तो सभी सदस्यों को जीवन के अनुभव सुनाएं, बातचीत करें,उनकी हिम्मत बढ़ाएं। अपनी क्षमता के मुताबिक थोड़ा बहुत व्यायाम जरूर करें।लगातार व्यस्त रहने और संपर्क बनाये रखने से आपका अकेलापन दूर होगा, तनाव नहीं घेरेगा और मानसिक मजबूती मिलेगी। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर हैं