भोपाल। सरकारी आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में राजनीति शुरू हो गई है। टीकमगढ़ में सांसद और विधायक ने वॉकआउट किया। बताया गया है कि बैठक में कोरोनावायरस के संक्रमण के अलावा कई मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने अब एक नई चुनौती है कि क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में प्रोटोकॉल का पालन कैसे करवाएं।
टीकमगढ़ में शनिवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक कलेक्ट्रेट के असेंबली हॉल में शुरू हुई। CORONA कंट्रोल के लिए जिले के प्रभारी बनाए गए लोक निर्माण मंत्री सुरेश धाकड़ अध्यक्षता कर रहे थे। इसी दौरान हंगामा शुरू हो गया। भाजपा जिलाध्यक्ष और सांसद ने नगर पालिका के सफाई कर्मियों को कम वेतन देने और हटाने का मामला उठाया। टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी ने मोर्चा संभाला और नगरपालिका का पक्ष रखा। फिर शहर में डामरीकरण और नगरपालिका के बजट को लेकर बहस शुरू हो गई।
विधायक राकेश गिरी और सांसद डॉ. वीरेंद्र खटीक, भाजपा जिलाध्यक्ष अमित नुना, भाजपा महामंत्री अभिषेक खरे रानू और सिंधिया समर्थक विकास यादव के बीच नाेंक झाेंक चलती रही। देखते ही देखते कलेक्ट्रेट के असेंबली हॉल में विधानसभा जैसा नजारा बन गया। ना तो प्रभारी मंत्री किसी को कंट्रोल कर पाए और ना ही कलेक्टर। इस बीच सांसद डॉ. खटीक, भाजपा जिलाध्यक्ष नुना, महामंत्री खरे सहित खरगापुर विधायक राहुल लोधी ने मीटिंग से वाकआउट कर दिया। इसके बाद वह सब कुछ हुआ जो किसी पार्टी में गुटबाजी के बाद होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जनप्रतिनिधियों को जनता की कोई चिंता नहीं है। सबका फोकस बजट पर है।