भोपाल। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाडड लाइन के उल्लंघन का मामला सामने आया है। आरोप लगाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमण की दर कम नहीं हुई बल्कि टेस्टिंग ट्रिक यूज़ करके कम दिखाई जा रही है।
कोरोना कर्फ्यू से नहीं रैपिड टेस्ट बढ़ाने से कम हुई है पॉजिटिविटी रेट
मध्यप्रदेश में संक्रमण दर अचानक घटकर 15% पर आ गई। करीब 10% की इस बड़ी गिरावट ने सबको चौंका दिया। अब खुलासा हुआ है कि संक्रमण की दर घटाने के लिए सरकार ने RTPCR घटाकर रेपिड बढ़ा दिए हैं। गाइड लाइन के अनुसार यह 30:70 होना चाहिए परंतु 10 मई 2021 के आंकड़ों में रैपिड एंटीजन टेस्ट और RTPCR का अनुपात 50:50 हो गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर की गाडड लाइन के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट 30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में पिछले 10 दिन के आंकड़े देखें, तो एंटीजन टेस्ट 31% से बढ़कर 50% से तक हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में पिछले 10 दिन में अधिकतम सैंपल टेस्ट का रिकाॅर्ड भी है। 5 मई को अब तक सबसे अधिक 68,102 टेस्ट रिपोर्ट में 12,421 सैंपल पॉजिटिव मिले थे। इसमें से 41% से अधिक टेस्ट रैपिड एंटीजन हैं, लेकिन 10 मई को यह 50% से ज्यादा हो गया, जबकि कुल सैंपल की संख्या 5 मई की तुलना में करीब 2 हजार कम थी।