भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू हो चुकी है। इस योजना के तहत आयुष्मान भारत के कार्ड धारकों को फ्री इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे लोग जिनका कार्ड नहीं बन पाया है, यदि राजपत्रित अधिकारी प्रमाणित कर देता है तो उन्हें भी मुफ्त इलाज दिया जाएगा।
जांच के लिए ₹5000 प्रति व्यक्ति स्वीकृत
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के आदेश के मुताबिक अभी तक सीटी स्कैन और MRI जांच के लिए 5 हजार रुपए प्रति परिवार प्रतिवर्ष निर्धारित किया था। इसे अब 5 हजार रुपए प्रति कार्डधारी कर दिया गया है। प्रदेश में कोविड अस्पतालों की संख्या 579 है। योजना से मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 268 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के अंतर्गत संबद्ध किए हैं। इसके अलावा अब जिला स्वास्थ्य समिति अन्य अस्पतालों को 3 माह के लिए अस्थाई संबद्धता देने के लिए अधिकृत कर सकेगी।
आयुष्मान कार्ड वालों को ऑक्सीजन, इंजेक्शन, भोजन सब फ्री मिलेगा
प्रदेश में आयुष्मान कार्ड धारकों की संख्या 2 करोड़ 42 लाख है। यानी 96 लाख परिवारों को इसका लाभ होगा। कोरोना के इलाज के दौरान मरीज को भोजन, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन, सीटी स्कैन समेत अन्य सुविधाएं भी योजना के तहत मुफ्त मिलेंगी।
हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त
सरकार ने आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए हर जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी अपर कलेक्टर के समक्ष होगा। इसके साथ ही संबद्ध अस्पताल के लिए एक प्रभारी अधिकारी भी बनाया गया है। जिसे मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर इलाज की मॉनिटरिंग करेंगे।
मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना की पात्रता
1 - परिवार के किसी सदस्य का आयुष्मान कार्ड या खाद्यान पर्ची (जिससे यह पता चले कि व आयुष्मान कार्ड धारक के परिवार का सदस्य है)।
2 - समग्र आईडी, जिसमें आयुष्मान कार्ड धारक का नाम अंकित हो।
3- किसी भी शासकीय विभाग के राजपत्रित अधिकारी का प्रमाणीकरण कि मरीज आयुष्मान कार्ड धारक के परिवार का सदस्य है।