भोपाल। मध्य प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने कहा है कि प्रदेश में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य 15 मई से प्रारंभ होगा। तेन्दूपत्ता संग्रहण में लगे मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा काम मिले, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। वन मंत्री डॉ. शाह ने इस दौरान कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से मजदूरों की रोजी-रोटी चलती है।
तेन्दूपत्ता अच्छी क्वालिटी का मिलने की स्थिति में यह कार्य रोका नहीं जाये। उन्होंने बताया कि तेन्दूपत्ता संग्रहण के टारगेट को बढ़ाया जाकर विभाग द्वारा अन्य गोडाउन को किराये पर लिया जायेगा। वन मंत्री डॉ. शाह खण्डवा जिला मुख्यालय से वेब लिंक के जरिये विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
वन मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जंगली जानवर पानी के अभाव में शहर-गाँव की तरफ आ रहे हैं। इसलिये ट्रेक्टर के माध्यम से जंगलों में पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाये। इससे वन्य-प्राणियों की सुरक्षा के साथ आम लोगों का जीवन सुरक्षित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वन अपराधों में जिन वाहनों को राजसात किया गया है, अब उनको टेंडर के माध्यम से नीलामी की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। जो राजसात वाहन चलने की स्थिति में होंगे, उनका उपयोग विभाग द्वारा किया जायेगा।
वन अपराधों में राजसात किय गये वाहनों को ऑनलाइन नीलाम किये जाने की प्रक्रिया 6 महीने के अंदर पूर्ण की जायेगी। वन मंत्री कुँवर शाह ने कहा कि जो कार्य माह जून तक प्रस्तावित हैं, उन्हें कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित करते हुए समय पर पूर्ण किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि तेन्दूपत्ता फड़ों पर पानी और थर्मल गन की व्यवस्था के साथ ही बिना मास्क के फड़ पर कोई संग्राहक न आये, यह सुनिश्चित किया जाये। वन मंत्री ने कहा कि वनों की सुरक्षा प्रभावी रूप से की जाये।
इसके लिये यदि नियमों में किसी बदलाव या संशोधन की जरूरत हो, तो अपने सुझाव एक सप्ताह के अंदर वन बल प्रमुख को उपलब्ध करायें। समीक्षा बैठक में भोपाल से प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री रमेश कुमार गुप्ता सहित मुख्यालय के वरिष्ठ वन अधिकारी इस बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए।