जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा राजपत्र जारी कर गृह विभागान्तर्गत पदोन्नति के एवज में खाली पड़े पदोन्नति के पदों पर वेतनमान के अनुसार लोक सेवका को उच्च पदनाम दिया जाकर कार्य में गुणवत्ता एवं सुधार के लिए एक अच्छा कदम उठाया गया है जिससे पदोन्नति की राह देख रहे गृह विभाग के लोक सेवकों में वेतनमान के अनुसार पदनाम व कार्य प्राप्त हो जाने से उत्साह का माहौल व्याप्त है।
मध्यप्रदेश शासन के अन्य विभाग में भी यही स्थिति व्याप्त है। वर्षों से न्यायालीयन प्रकरण के कारण विभागों में पदोन्नति न होने के फलस्वरूप हजारों पदोन्नति के पद रिक्त पड़े हैं जिसके कारण उन पदों का कार्य न होने से विभिन्न मामले लंबित हो रहें है एवं प्रभारी प्रथा से कार्य चलाया जाना मजबूरी बन गई है। प्रभारी अधिकारी/कमचारी अपना कार्य शतप्रतिशत विश्वास एवं कार्यक्षमता से नही कर पाता है। साथ ही पदोन्नति न मिलने के कारण हजारों लोक सेवका सेवानिवृत्त हो चुके है जिन्हें पद का लाभ प्राप्त नहीं हो सका है।
शासन द्वारा जिसप्रकार गृह विभाग के अंतर्गत लोक सेवकों को वेतनमान के अनुसार पदनाम व कार्य का अधिकार दिये जाने का राजपत्र जारी किया गया है उसी प्रकार मध्यप्रदेश शासन के अन्य विभाग जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, राजस्व, सिचाई विभाग, कृषि विभाग, महिला बाल विकास, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जल संसाधन आदि विभाग के लोक सेवकों को भी वेतनमान के अनुसार पदनाम व कार्य के अधिकारी प्रदान किये जावे ताकि वे जिम्मेदारी, अनुभाव, योग्यता एवं कार्यकुशलता के साथ अपने कर्तव्यों व दायत्विों का निर्वाहन निष्ठा व ईमानदारी से कर सके, जिससे शासन की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।
संघ के अरवेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, डॉ संदीप नेमा, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, प्रकाश सेन, गोविन्द बिल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी.गुप्ता, चंदु जाउलकर, नंदु चंसौरिया, विपिन शर्मा, संदीप मस्के, आर.एस.राजपूत, कैलाश धवनकर, मुकेश धनगर, बब्लू ठाकुर, संत कुमार छीपा, एस.बी.मिश्रा, प्रमोद पासी, श्रीराम झारिया, मथुरा झारिया आदि ने एक मांग पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी, व मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को ई-मेल के माध्यम से भेजकर गृह विभाग की तरह अन्य विभागों के लोक सेवकों को भो वेतनमान के अनुसार पदनाम का लाभ दिये जाने की मांग की गई है।