ग्वालियर। भारत सरकार के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को श्योपुर में किसानों की तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने अचानक उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। हालात को कंट्रोल में करने के लिए कलेक्टर को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। उन्होंने किसानों को धक्का देकर कृषि मंत्री से दूर किया। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। बावजूद इसके किसानों ने कृषि मंत्री को आधे घंटे तक घेर कर रखा और मुर्दाबाद के नारे भी सुनाए।
श्योपुर में किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री का घेराव किया
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार की दोपहर श्योपुर आकर रेस्ट हाउस में भाजपा पदाधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद वे कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल की मां के निधन पर शोक जताने उनके घर पहुंचे। जब दोपहर करीब 3.30 बजे उनका काफिला शहर के पाली रोड स्थित अजाक थाना के पास से गुजरा तो विरोध-प्रदर्शन के लिए खड़े संयुक्त किसान मोर्चा की किसानों ने उसे रोक लिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को काले झंडे दिखाते हुए उनकी कार का घेराव कर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने किसान नेता से कहा: मुझे भाषण मत दो
घेराव के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी अनिल सिंह चौधरी ने कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे थे कि तभी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- मुझे भाषण मत दो। इसके साथ ही किसान भड़क गए और शोर-शराबा होने लगा।
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बचाने कलेक्टर ने खुद मोर्चा संभाला
किसानों को उग्र होता हुआ देख कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस के साथ मिलकर मोर्चा संभाला और किसानों को खदेड़ना शुरू कर दिया। कलेक्टर ने खुद किसानों को धक्का देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को घेराव से बचाया। इस दौरान किसानों ने भी कलेक्टर को रोकने के लिए उनके हाथ पकड़ लिए। इसके साथ ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और कई किसानों को पकड़कर अजाक थाने में बैठा दिया।
मंत्री नरेंद्र सिंह को आधे घंटे तक घेरकर किसानों ने मुर्दाबाद के नारे सुनाएं
करीब आधा घंटे तक केंद्रीय मंत्री को किसानों ने रोके रखा और कृषि कानूनों को लेकर उन्हें खरी-खोटी सुनाईं। केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर को किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा। प्रदर्शन के बीच अनिल सिंह चौधरी ने मंत्री तोमर से कहा कि क्या कोविड के सभी प्रोटोकॉल सिर्फ किसान नेताओं के लिए हैं। जब हमारा नेता आता है तो लॉकडाउन कहकर बायपास से निकाला जाता है और आप पूरे शहर में बड़ा काफिला लेकर घूम रहे हो। किसान नेता ओमप्रकाश मीणा व अनिल सिंह ने कहा कि वे भाजपा को वोट करते हैं और आपको भी वोट दिए। अब हम आपसे सवाल क्यों नहीं पूछें। आपके पास हमारे लिए समय नहीं है। हमें समय क्यों नही दिया गया। अब हमें ही दोषी बताया जा रहा है और पुलिस धक्का-मुक्की कर रही है। इसके बाद जब तोमर कोई जवाब नहीं दे पाए तो किसानों ने उनके मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए।
दो किसान नेताओं को पुलिस ने नजर बंद कर दिया था फिर भी प्रदर्शन हुआ
केंद्रीय कृषि मंत्री के विरोध करने की किसानों की तैयारी है, यह जानकारी प्रशासन व पुलिस को मिल चुकी थी। ऐसे में पुलिस ने किसान नेता राधेश्याम मीणा उर्फ राधेश्याम मूंडला को बड़ौदा थाने में सुबह 11 से शाम 5 बजे तक नजरबंद रखा। वहीं किसान नेता जसवंत बछेरी को आवदा थाना पुलिस ने घर से उठाकर थाने में बैठा दिया और दिनभर नजरबंद रखा। इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन किसानों के प्रदर्शन को रोक नहीं सका।