26 मई 2021 (5 ज्येष्ठ, शक संवत 1943) को पूर्ण चंद्र ग्रहण घटित होगा। भारत में चंद्रोदय के तत्काल बाद ग्रहण की आंशिक प्रावस्था का अंत अल्प अवधि के लिए भारत के उत्तर पूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओड़िशा के कुछ तटीय भागों तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा। इसके अलावा यह ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्टिका, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।
अंतरिक्ष विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण यानी दुर्लभ विशाल सुपर ब्लड मून
पूरब में 26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल व सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आएगा। एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक एवं प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने बुधवार को बताया कि कोलकाता में आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण 10 साल पहले, 10 दिसंबर 2011 को दिखा था। दुआरी ने कहा कि 26 मई की रात को, सूर्य, धरती और चंद्रमा इस तरह से एक सीध में होंगे कि धरती से यह पूर्ण चंद्रमा के रूप में नजर आएगा और कुछ समय के लिए इसपर ग्रहण भी लगा होगा। चंद्रमा धरती के आस-पास चक्कर लगाता हुआ कुछ पल के लिए धरती की छाया से गुजरेगा और पूरी तरह से इसपर ग्रहण लग जाएगा।
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण 26 मई, 2021 दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। भारतवर्ष के नागरिकों को चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसलिए उन पर चंद्र ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कोलकाता में चंद्र ग्रहण कितने बजे दिखाई देगा
एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक एवं प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने कहा कि उस शाम कोलकाता में चंद्रमा शाम सवा छह बजे निकलेगा और दिलचस्पी रखने वाले लोगों को आंशिक चंद्रग्रहण की कुछ मिनट तक झलक मिलेगी जो छह बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के लोग ग्रहण नहीं देख पाएंगे।