National Institute of Fashion Technology, Bhopal के डायरेक्टर श्री सुब्रोतो बिस्वास पर एक महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़ित महिला ने 11 पेज की शिकायत डायरेक्टर जनरल के पास भेजी है। महिला का कहना है कि जब उसने शारीरिक संबंध बनाने से इंकार कर दिया तो उसका डिमोशन करके वेतन कम कर दिया गया। इस मामले में डायरेक्टर के बयान की प्रतीक्षा है।
बताया गया है कि 20 मई को की गई इस शिकायत पर करीब आठ दिन बाद मुख्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक समिति बनाई गई है जो 7 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी। महिला अधिकारी ने शिकायत में कहा है कि डायरेक्टर ने दिसंबर में गलत तरीके से संस्थान के छात्रावास में गेस्ट हाउस बना लिया और उसी में रुकना शुरू कर दिया और मुझसे कहा कि तुम भी रात को हॉस्टल में रुका करो। कोरोना महामारी की वजह से अभी हॉस्टल में एक भी छात्राएं नहीं रहती हैं। उल्लेखनीय है कि सुब्रोतो बिस्वास जुलाई 2020 से निफ्ट, भोपाल में पदस्थ हैं ।
निष्पक्ष जांच के लिए बिसबास को पद से हटाने की मांग
महिला अधिकारी ने एनआइएफटी के डायरेक्टर जनरल से मांग की है कि इस मामले की तत्काल जांच शुरू की जाए और निष्पक्ष जांच के लिए तत्काल डायरेक्टर का तबादला किया जाए।
महिला अधिकारी को किस तरह कार्यस्थल पर यौन प्रताड़ना का शिकार बनाया गया
- डायरेक्टर कमरे में अकेले में बुलाकर शरीर के अंगों को घूरते हैं।
- गेस्ट हाउस का फर्नीचर देखने के बहाने स्टोर रूम ले गए और वहां जानबूझकर छूने की कोशिश की।
- हॉस्टल में रात को रुकने को कहा। जब उन्हें यह सब करने से मना किया तो वेतन में कटौती कर दी।
- हॉस्टल और संस्थान के कर्मचारी के सामने हौसला तोड़ने के लिए डांटा।
- जब वेतन कम करने का कारण पूछा तो नए गेस्ट हाउस में अकेले आने को कहा।
ऑनलाइन बयान लिए जाएंगे
मामले में एनआइएफटी मुंबई की सीनियर प्रोफेसर शर्मिला दुआ को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। फिलहाल समिति ऑनलाइन ही शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों के बयान लेगी। समिति डायरेक्टर सुब्रोतो बिस्वास से भी पूछताछ करेगी।
इनका कहना
एनआइएफटी, भोपाल के डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत की फाइल चार दिन पहले आई थी। शिकायत पर कानून के अनुसार आंतरिक शिकायत समिति को मामले की जांच करने की जिम्मेदारी दी है। सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। डायरेक्टर के तबादले पर भी समिति से सुझाव मांगा गया है, जल्द ही उन्हें मुख्यालय अटैच करने का फैसला लिया जा सकता है।