नई दिल्ली। भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए pay fixation की लास्ट डेट बढ़ा दी है। पहले यह तारीख 15 अप्रैल थी। इसे 3 महीने के लिए बढ़ाया गया है। इसके चलते कर्मचारियों को विचार करने एवं रणनीति बनाने का एक और मौका मिल गया है। तनाव की स्थिति में डिसीजन लेने की बाध्यता खत्म हो गई है।
कर्मचारी संगठनों ने मांग की थी
दरअसल, कई केंद्रीय कर्मचारियों ने विभाग से डेडलाइन बढ़ाने की अपील की थी, क्योंकि वो दिए गए वक्त में उसे पूरा नहीं कर पा रहे थे।'Pay Fixation' की डेडलाइन बढ़ने के बाद केंद्रीय कर्मचारी ये चुन सकते हैं कि वो अपनी फिक्स्ड पेमेंट (fixed payment), प्रमोशन की तारीख के आधार पर चाहते हैं या इंक्रीमेंट की तारीख के आधार पर। सरकारी कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति, प्रमोशन या फाइनेंशियल अपग्रेडेशन की तारीख के आधार पर 1 जनवरी या 1 जुलाई को सैलरी में सालाना बढ़ोतरी मिलती है।
Pay Fixation क्या होता है
सरकार हर कर्मचारी को प्रमोशन की तारीख (Date of Promotion, DoP) या इंक्रीमेंट की अगली तारीख (Date of Next Increment, DNI) का विकल्प देती है. कर्मचारी जो विकल्प चुनता है उसे उस आधार पर फायदा होता है। यानि अगर कोई कर्मचारी फरवरी 2016 में प्रमोट हुआ, तो उसके पास ऑप्शन है कि वह इंक्रीमेंट 1 जुलाई 2016 से चाहता है या फिर जिस दिन वह प्रमोट हुआ उस तारीख से। पहले 10, 20 और 30 साल पर कर्मचारियों को प्रमोशन अपने आप मिलता था। लेकिन 7वें वेतन आयोग में इसे बदलकर मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम यानि MACPS कर दिया गया। इसके तहत उन्हींं केंद्रीय कर्मचारियों का सालाना अप्रेजल या इंक्रीमेंट होगा, जिनका प्रदर्शन अच्छा है।